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होगा बदलाव : सूबे के आंगनबाड़ी केंद्र प्री-नर्सरी में होंगे कन्वर्ट, सहायिका-सेविकाओं को नौकरी बचाने के लिए देना होगा टेस्ट

होगा बदलाव : सूबे के आंगनबाड़ी केंद्र प्री-नर्सरी में होंगे कन्वर्ट, सहायिका-सेविकाओं को नौकरी बचाने के लिए देना होगा टेस्ट

PATNA : केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति और प्राइवेट प्ले स्कूलों से मिल रही चुनौती को देखते हुए राज्य सरकार अपने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बड़ा बदलाव करने जा रही है। सरकार की मानें आनेवाले दिनों में आंगनबाड़ी का अस्तित्व पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा और उनकी जगह नए प्री नर्सरी और नर्सरी स्कूल शुरू किए जाएंगे। इस केंद्रों में आंगनबाड़ी में आनेवाले 46 लाख विद्यार्थी बच्चे विद्यार्थी होंगे। हालांकि आंगनबाड़ी में कार्यरत सेविकाओं और सहायिकाओं को भी इन नर्सरी सेंटरों में फिर से मौका दिया जाएगा, लेकिन उसके लिए उन्हें एक टेस्ट पास करना अनिवार्य होगा।

जानकारी के अनुसारनई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अमल करते हुए नीतीश सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को जल्द ही प्री-नर्सरी और नर्सरी स्कूल की मान्यता देने जा रही है। शिक्षा मंत्रालय व महिला बाल विकास मंत्रालय ने इसे लेकर सहमति दे दी है। समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी की मानें तो नीतीश कुमार के दिशा-निर्देश के तहत सभी आंगनबाड़ी केंद्र जल्द ही प्री-नर्सरी व नर्सरी स्कूल के रूप में कार्य करने लगेंगे। जबकि, नोडल आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या बढ़ायी जाएगी, ताकि बच्चों को प्ले स्कूलों की सुविधा बढ़ायी जा सके।

सेविाकाओं को दी जाएगी ट्रेनिंग

बताया गया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत सेविकाओं को प्री-नर्सरी में दाखिल बच्चों को पढ़ाने-सिखाने संबंधी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रशिक्षण में इन्हें बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने का तरीका बताया जाएगा। इन्हें सिखाया जाएगा कि कैसे गीत, कविताएं और कहानियां शिक्षा का आधार बन सकती हैं। आंगनबाड़ी सेविकाओं को यह भी बताया जाएगा कि उनके कार्य का मूल्यांकन कैसे किया जाएगा, ताकि वे ये सुनिश्चित कर सकें कि उनका पढ़ाया हुआ बच्चों की समझ में आया भी है या नहीं। प्रशिक्षित होने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का टेस्ट लिया जाएगा। टेस्ट में पास आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को उनके केंद्रों पर प्री-नर्सरी व नर्सरी स्कूल चलाने की अनुमति दी जाएगी। 

प्राइमरी स्कूलों से किया जाएगा लिंक

नए योजना में सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को नजदीकी प्राथमिक स्कूल से लिंक किया जाएगा। माना जा रहा है कि कोरोना के बाद स्कूल खुलने से पहले इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। जिसके बाद आंगनबाड़ी केंद्र प्राथमिक विद्यालय के रूप में काम करेंगे। इन केंद्रों में शुरुआती दौर में बच्चों को पठन-पाठन की जानकारी दी जाएगी, तो यह उनके लिए कक्षा एक में दाखिले से पहले बच्‍चों की मजबूत नींव का काम करेगा। बच्चे तीन साल तक प्री-नर्सरी में रहेंगे और तब प्राथमिक विद्यालयों में पहली कक्षा में दाखिला होगा। वहीं मौजूदा समय में आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविकाएं कार्य रही हैं। ऐसे में स्कूलों के रूप में इन्हें मान्यता दिए जाने के बाद इनकी भी पदोन्नति होगी। जो अब शिक्षक के रूप में काम करेंगे।

 

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