NEW DELHI: भारत में यदि खेल संबंधी बातें हो तो सबसे पहला नाम क्रिकेट का ही आता था, मगर अब तस्वीरें सकारात्मक रूप से बदल रही हैं। क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों के प्रति युवाओं का रुझान बढ़ रहा है। इसका स्पष्ट उदाहरण हमें इस साल के टोक्यो ओलंपिक में नजर आय़ा। इस साल भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देते हुए 1 स्वर्ण सहित कुल 7 पदकों पर कब्जा जमाया।
ओलंपिक जितना ही महत्वपूर्ण होता है, पैरालंपिक। इसके बारे में भले ही लोगों को कम जानकारी हो, मगर हमारे खिलाड़ी यहां भी अपनी छाप छोड़ने में कायम हैं। ओलंपिक के बाद अब दुनियाभर के दिव्यांग खिलाड़ियों के महाकुंभ पर सबकी निगाहें टिक गई हैं। 24 अगस्त से शुरू होने वाले इस टूर्नामेंट में भारत ने अब तक का अपना सबसे बड़ा दल भेजा है। भारत की तरफ से इस बार पैरालंपिक खेलों में 54 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। बता दें, हमारा भारतीय दल 12 अगस्त को ही टोक्यो के लिए रवाना हो चुके हैं। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने को लेकर सभी देशों के दल को वक्त से पहले पहुंचने की हिदायत दी गई थी। इसी के बाद आज, यानी कि, 17 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने खिलाड़ियों से बातचीत की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम और खेल मंत्री भारतीय दल से रूबरू हुए और उनकी हौसला अफजाई की।
भारतीय दल में भाला फेंक (F-46) खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया (2004 और 2016 के गोल्ड मेडलिस्ट), मरियप्पन थंगवेलु (ऊंची कूद) और भाला फेंक (F-64) के विश्व चैंपियन संदीप चौधरी भी शामिल हैं। इन खिलाड़ियों से भारत को पदक की अधिक उम्मीदें हैं।इस बार टोक्यो पैरालंपिक में भारत 9 खेलों में अपनी दावेदारी पेश करेगा। भारत की तरफ से रियो पैरालंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट मरियप्पन थंगवेलु ध्वज वाहक होंगे।