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सिटी बजाओ-कूडा उठाओ योजना टांय- टांय फिस्स : अब न तो सीटी बज रहा है और ना ही समय पर कूड़ा उठ रहा है, कर्मियों के शरीर से यूनिफॉर्म गायब

सिटी बजाओ-कूडा उठाओ योजना टांय- टांय फिस्स : अब न तो सीटी बज रहा है और ना ही समय पर कूड़ा उठ रहा है, कर्मियों के शरीर से यूनिफॉर्म गायब

निगम का दावा योजना ठीक ढंग से कर रही है काम, लोग बोले कागजों पर हो रहा है काम

CHHAPRA : तीन दिन पहले देश के सबसे स्वच्छ शहरों की रेटिंग जारी की गई थी, जिसमें मध्य प्रदेश के इंदौर को सबसे साफ शहर बताया गया। लेकिन इस रेटिंग के जारी होते ही बिहार के उन शहरों की साफ सफाई को लेकर एक बार फिर से  सवाल उठने लगे हैं, जहां हर सा करोड़ों रुपए सफाई और स्वच्छता को लेकर खर्च किए जाते हैं, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकलता है। बिहार का छपरा नगर निगम भी ऐसे ही शहरों में शामिल है, जहां करीब 3 साल पहले नगर निगम ने एक योजना बनाई थी सिटी बजाओ-कूडा उठाओ, यह योजना इतनी चर्चित हुई इस शहर के हर होल्डिंग धारक इसकी प्रशंसा करते नहीं थकते थे। सुबह होते ही शहर के गलियों और सड़कों पर नगर निगम के कर्मी सीटी बजाते सुने जाते थे और लोग समझ जाते थे कि नगर निगम के कर्मी उनके द्वार पर आ चुके हैं फिर वह घर का कूड़ा और कचरा लेकर बाहर रख देते थे। इसे नगर निगम के कर्मियों को काफी सहूलियत होती थी और वे कूड़ा कचरा हर घर से कलेक्ट कर डंपिंग वाले स्थल पर डंप कर देते थे। लेकिन अब तो केवल या शगुफा ही रह गया है। ना तो सीटी बज रही है और ना ही समय पर कूड़ा उठ रहा है। नगरवासी परेशान है कि आखिर नगर निगम को हो क्या गया है।


क्या कहते हैं लोग

इस संबंध में लोगों ने अपनी बेबाक राय रखते हुए कहा कि नगर निगम की कार्यशैली आप धीरे-धीरे शिथिल होती जा रही है तभी तो योजना को ही ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है कहीं कोई कर्मी सड़क या गली पर सीटी बजाते नहीं सुने जाता और सुबह में कूड़ा और कचरा घर में ही रह जाता है. साहिबगंज भूटान बारी मोहल्ला निवासी अजीत कुमार गुप्ता के अनुसार कम से कम नगर निगम को चाहिए कि हर वार्ड के लिए कर्मियों की प्रतिनियुक्ति कर दे जोकि सीटी बजा कर लोगों को यह सूचना दे दे कि नगर निगम की गाड़ी उनके द्वार पर आ चुकी है यह सुविधा पहले थी अब समाप्त हो चुकी है. दहियावां मोहल्ला निवासी शगुफ्ता परवीन ने बताया कि इमामबाड़ा के पास सालों भर कूड़ा और कचरा का अंबार लगा रहता है, यह नगर निगम को क्यों नहीं दिखता। पहले कम से कम घर के पास आकर सीटी बजा कर कूड़ा और कचरा कलेक्ट कर लिया जाता था आखिर में सुविधा क्यों बंद कर दी गई। अन्नपूर्णा मंदिर दौलतगंज निवासी नागेंद्र कुमार सिंह के अनुसार नगर निगम की कार्यशैली पहले की अपेक्षा काफी गड़बड़ हुई है। सिटी बजाओ कूडा उठाओ योजना काफी बेहतर थी।

कर्मियों से यूनिफॉर्म भी छीन लिए गए

जब यह योजना शुरू हुई थी तब सभी नगर निगम के कर्मियों को एक यूनिफॉर्म उपलब्ध कराया गया था जिससे वे जिस मोहल्ले या गली में जाते थे उनकी पहचान आसानी से की जा सकती थी नीले कलर में यह यूनिफार्म था महिलाओं के लिए नीली साड़ी जो पुरुषों के लिए नीला फुल पैंट और शर्ट थे. अब तो एक भी कर्मी यूनिफॉर्म में नहीं दिखता। यहां तक की सफाई के लिए जरूरी उपकरण भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।

क्या कहते हैं अधिकारी

सफाई एजेंसी को इससे संबंधित तमाम आदेश दिए गए हैं कोई योजना बंद नहीं हुई है स्वच्छता गीत के माध्यम से लोगों को अलर्ट किया जाता है यदि कोई गड़बड़ी है उसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

संजय कुमार उपाध्याय, निगमायुक्त ,छपरा नगर निगम

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