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कोरोना संकट के बीच केंद्र और राज्य सरकार बरत रही उदासीनता, सिटीजन फोरम ने लगाया आरोप

कोरोना संकट के बीच केंद्र और राज्य सरकार बरत रही उदासीनता, सिटीजन फोरम ने लगाया आरोप

PATNA : सिटीजंस फोरम ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के तेजी से फ़ैल रहे संक्रमण के कारण देश की जनता पर आई इस महाविपदा की घड़ी में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा बरती जा रही लापरवाही एवं आपराधिक उदासीनता पर गहरा क्षोभ एवं आक्रोश व्यक्त किया है. ज्ञातव्य है कि कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या पूरे देश में 12 लाख 40 हजार को पार कर गयी है और हमारे राज्य बिहार में यह संख्या 28952 से अधिक हो गई है. 

देश में अबतक 29861 और बिहार में 217 लोग इस महामारी के चलते समुचित इलाज के अभाव में असमय काल के गाल में समा जाने को विवश कर दिये गये हैं. केन्द्र सरकार द्वारा 25 मार्च से आनन-फानन में बिना समुचित तैयारी के किये गये लॉकडाउन के लगभग चार महीने हो चुके हैं. अभी तक मोदी-शाह के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार और नीतीश-सुशील की जोड़ी के शासन वाली बिहार सरकार का कोरोना महामारी से निपटने का अंदाज बिल्कुल निराला एवं आपराधिक है. जहां जरूरत इस बात की थी कि "हेल्थ इमरजेंसी" जैसे हालात में आम नागरिकों की जान की रक्षा के लिए युद्ध स्तर पर कदम उठाए जायें और प्रखंड स्तर तक के सरकारी एवं गैर-सरकारी अस्पतालों में न सिर्फ कोरोना संक्रमण के अंदेशे वाले तमाम लोगों की मुफ्त में जांच की जाये, बल्कि वहां आईसीयू , वेंटिलेटर , कोरोना आइसोलेशन वार्ड की स्थापना की जाए. वहां सरकार ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह फेर लिया है और सबकुछ भगवान भरोसे छोड़ दिया है. 

सिटीजंस फोरम पटना ने मानवता पर आये इस भीषण संकट से निजात पाने के लिए आम जनता से अपील किया है की वे आगे आयें और सरकार के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार एवं जनविरोधी आपराधिक उदासीनता के खिलाफ जुझारू जनसंघर्षों का आगाज करें. सिटीजन्स फोरम की ओर से मांग की गयी की बिना कोई देरी किए राजधानी पटना से लेकर प्रखंड स्तर तक के अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों के समुचित मुफ्त इलाज की व्यवस्था की जाए. साथ ही पारस, मगध, रूबन, सहयोग, जगदीश, श्रीराम, साईं , जयप्रभा मेदांता आदि सरीखे बड़े निजी अस्पतालों सहित जिला स्तर तक के प्राइवेट अस्पतालों का पूरे 'कोरोना काल' के लिए सरकार द्वारा अधिग्रहण कर लिया जाए. ताकि उनमें बीमारों का नि:शुल्क व मुफ्त में इलाज हो सके. प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों के इलाज पर होने वाले खर्च को सरकार वहन करे. वहीँ कोरोना के अलावे अन्य बीमारियों के इलाज की भी समुचित व्यवस्था की जाए और उसके लिए अस्पतालों को चिन्हित कर दिया जाए. कोरोना बीमारी के प्रति लोगों में फैले भय एवं आतंक के माहौल को समाप्त करने के लिए सरकार की ओर से कारगर कदम उठाये जायें. 

फोरम की ओर से यह भी मांग की गयी की अस्पतालों की क्षमता बढ़ाई जाए. इसके तहत बेड, जांच की सुविधा, एंबुलेंस, सुरक्षा उपकरण और डॉक्टरों, नर्सों एवं अन्य चिकित्साकर्मियों की यथेष्ट संख्या पर विशेष ध्यान दिया जाए. सिटीजंस फोरम की ओर से अनीश अंकुर, रूपेश, मणिकांत पाठक, विश्वजीत कुमार, मोना झा, मनोज कुमार चन्द्रवंशी, अजय कुमार सिन्हा, जयप्रकाश ललन, ग़ालिब खां, बिनोद रंजन, नन्द किशोर सिंह ने अपनी बात रखी. 

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