PATNA : बिहार की राजधानी की सबसे ऊंची बिल्डिंग का दर्जा रखनेवाले बिस्कोमान भवन को देखकर साहेब भड़क गए। कहा जा रहा है कि उनकी नाराजगी बिल्डिंग पर लिखे नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के नाम को लेकर था। जिसको लेकर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब विश्वविद्यालय को नालंदा में शिफ्ट कर दिया गया है तो यह नाम अब तक इमारत पर क्यों लिखा हुआ है। सीएम की इस नाराजगी को देखते हुए तत्काल जिला प्रशासन ने बिस्कोमान की इमारत से नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के नाम को हटाने का फरमान जारी कर दिया।
ज्ञान भवन जा रहे थे सीएम
दरअसल, बताया जा रहा है कि आज सुबह नीतीश कुमार गांधी मैदान के पास स्थित ज्ञान भवन में चल रहे बिजनेस सम्मिट कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे। इसी दौरान उनकी नजर बिस्कोमान भवन पर पड़ गई। जहां अभी तक नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी का नाम इमारत पर लिखा हुआ था। सीएम को यह बात पसंद नहीं आई और उन्होंने तत्काल इसे हटाने का आदेश जारी कर दिया। ज्ञान भवन के कार्यक्रम की समाप्ती के बाद फायर बिग्रेड की टीम पूरी तैयारी के साथ पहुंची और पहले तो बिल्डिंग पर लगे नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के नाम को धोया और फिर नाम को इमारत से हटा दिया गया।
कई सालों से इसी बिल्डिंग में हो रहा था संचालित
बता दें कि नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी पिछले कई सालों से पटना के बिस्कोमान भवन से ही संचालित होता रहा है। कुछ माह पहले यूनिवर्सिटी की अपनी नई बिल्डिंग तैयार कराई गई है। जिसके बाद से विश्वविद्यालय का सारा कामकाज भी पटना से नालंदा शिफ्ट कर दिया गया है।
क्या नाम पर गुस्सा था या कुछ और
राजनीति के जानकारों में इस बात की चर्चा है कि नीतीश कुमार का गुस्सा सिर्फ बिल्डिंग पर लिखे नालंदा यूनिवर्सिटी के नाम को लेकर नहीं था। उनका गुस्सा बिस्कोमान अध्यक्ष और राजद एमएलसी सुनील कुमार सिंह को लेकर था। सालों से बिस्कोमान और नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी एक दूसरे की पहचान बन चुके थे। अब नाम हटाकर इस पहचान को भी खत्म कर दिया गया है।