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मोतिहारी में MDM खाकर ठेकेदार-अफसर बन गये तंदुरूस्त ! जांच वाली फाइल दबाकर करोड़ों के घोटाले को 'पचाने' में जुटे हाकिम

मोतिहारी में MDM खाकर ठेकेदार-अफसर बन गये तंदुरूस्त ! जांच वाली फाइल दबाकर करोड़ों के घोटाले को 'पचाने' में जुटे हाकिम

MOTIHARI: मोतिहारी में बच्चों के निवाले को ठेकेदार और अफसर गटककर तंदुरूस्त बन रहे  तभी तो जांच वाली फाइल को शिक्षा विभाग के अधिकारी दबा कर बैठे हैं। जांच हुई,जांच में क्या मिला यह बताने में जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ-साथ डीपीओ एमडीएम के पसीने छूट रहे। बड़ा सवाल यही है कि आखिर जांच वाली फाइल को छुपाने की पीछे वजह क्या है।   

करोड़ों का घोटाला 

मोतिहारी डीईओ ने ही तीन प्रखंडो का एमडीएम का जांच कराया था। जांच के बाद कार्रवाई के नाम पर लीपापोती का खेल जारी है। डीईओ अब जांच रिपोर्ट में क्या गड़बड़ी मिली इसकी जनकारी डीपीओ से लेने को बोल रहे । वहीं डीपीओ भी चुप्पी साधे बैठे हैं। जिले में फरवरी माह में नौनिहालों को निवाले को अधिकारी व संवेदक मिलकर गटक गए । नौनिहलो के निवाले में भारी गड़बड़ी को लेकर वरीय अधिकारी के निर्देश पर डीईओ द्वारा हरसिद्धि,छौड़ादानो व मोतिहारी सदर प्रखंड की जांच कराई गई। जांच हुई तो रिजल्ट क्या निकला?  प्रभार का बहाना बना अधिकारी अपनी जिम्मेवारी से पीछे हट रहे है । आमलोगों में चर्चा है कि नैनिहालों के निवाले गटकने में संवेदक से लेकर बीआरपी,बीईओ सहित जिला शिक्षा कार्यालय के वरीय अधिकारी का मिलीभगत है ।इसलिए कार्रवाई के बदले इसे रफ़ा दफा करने की कोशिश की जा रही है।

मोतिहारी के दर्जनों ब्लॉक में MDM घोटाला!

मोतिहारी में कुछ महीने पहले तक एमडीएम का प्रभार खुद जिला शिक्षा पदाधिकारी के जिम्मे था। जिले के पताही प्रखण्ड में फर्जी संवेदक बनकर नौनिहालों के हक का 219 क्विंटल चावल गबन का मामला उजागर होने के बाद अन्य सभी प्रखंडो में भी भारी गड़बड़ी का चर्चा शुरू हुई। सभी 27 प्रखंड के नौनिहालों के लिए फरवरी माह में दो-दो आवंटन मिला था। एक में 34 दिनों के लिए 26845 क्विंटल व 9 दिनों के लिए 7106 क्विंटल चावल का आवंटन जिला मध्यान भोजन को प्राप्त हुआ.यह चावल नौनिहालों के बीच वितरित करना था। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी व संवेदक ने मिलकर नौनिहालों के चावल को कागज में ही वितरण कर दिया. निवाला का गबन की खबर चलने के बाद पताही प्रखंड में जांच की गई। हालांकि जांच में भी डंडी मारा गया और मात्र 219 क्विंटल चावल गबन का केस बीआरपी व संवेदक पर कर मामले को रफा दफा करने की कोशिश की गई। जबकि विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो जिले के दो-तीन प्रखण्डों को छोड़ दें  तो बाकी सभी प्रखंडो में अधिकारियों की मिलीभगत से नौनिहालों का निवाला गटका गया है। हजारो क्विंटल चावल कालाबजारी में बिक गया । अधिकारी नौनिहालों के निवाले का सौदा कर मस्त हैं ।

जिले भर में एमडीएम में भारी गड़बड़ी की आशंका को लेकर डीईओ ने तीन प्रखंडो का जांच तीन माह पूर्व कराया गया । लेकिन जांच के बाद रफ़ा दफा के खेल के बीच प्रभार बदलने का बात कह डीईओ इससे पाला झाड़ रहे है ।सूत्रों की माने तो जिले भर में एमडीएम के गड़बड़ी की जांच के लिए सभी प्रखण्ड के बीडीओ सीओ को डीएम शीर्षत कपिल अशोक द्वारा जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया ।लेकिन डीएम के निर्देश के बाद भी अधिकांश बीडीओ सीओ द्वारा जांच की फाइल दबाकर ही रखा गया। इसका खुलासा सरकार को भेजी गई आरडीडीई की रिपोर्ट में भी है. जिला में डीपीओ के रहते डीईओ ने एमडीएम का प्रभार अपने पास रखकर चहेते लोगो को संवेदक बना कर एमडीएम योजना में गड़बड़ी की गई । इस पर डीईओ ने कहा कि एमडीएम का प्रभार वह खुद नही लिए थे । डीएम के आदेश के बाद वह एमडीएम का प्रभारी बने थे ।शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार संवेदक,एमडीएम के जिम्मेदार अधिकारी व एचएम कागज में ही नौनिहालों के निवाले का खेल कर फिफ्टी-फिफ्टी मैच खेल गये। कई प्रखंडो में एक आवंटन का चावल स्कूलों में कागज में ही उठाव-वितरण करके 800-1000 रू प्रति क्विंटल के दर से ठिकाने लगा दिया गया। फरवरी माह के स्कूल में हुए आवंटन-वितरण की जांच एचएम के साथ-साथ नामांकित बच्चों व अभिभावकों से पूछताछ कर किया जाये तो बड़े घोटाले से इनकार नही किया जा सकता।

डीईओ-एमडीएम डीपीओ मीडिया का फोन उठाने से कर रहे परहेज 

पूर्व में  डीईओ संजय कुमार ने बताया था कि तीन प्रखंडो के एमडीएम के गड़बड़ी का जांच कराई गई है। इस दौरान डीएम द्वारा एमडीएम का प्रभार डीपीओ स्थापना को दे दिया गया है । तब कहा था कि जांच रिपोर्ट में क्या पाया गया .इसकी जनकारी मुझे नही है. कार्रवाई भी प्रभार वाले अधिकारी ही करेंगे । वहीं  इस संबंध में डीपीओ एमडीएम फोन उठाना वाजिब नही समझते । वही डीपीओ के फोन नही उठाने का कारण पूछने के लिए डीईओ को भी कई बार फोन किया गया लेकिन डीईओ भी फोन  उठाने से परहेज कर रहे।

क्या कहते है आरडीडीई 

तिरहुत के आरडीडीई ने बताया कि एमडीएम की गड़बड़ी की जांच डीईओ द्वारा कराया गया था .गड़बड़ी पर कार्रवाई करना उनकी ही जिम्मेदारी बनती है । लिखित शिकायत मिलने पर जांच कर कड़ी दोषी पर कड़ी करवाई की जाएगी .

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