N4N DESK: केरल में रोजाना 30 हज़ार से ज्यादा कोरोना के मामले आ रहे हैं और यह संख्या लगातार बढती जा रही है. इस बीच कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 11वीं की परीक्षा पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में हालात चिंताजनक करार देते हुए इन परीक्षाओं पर रोक लगा दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की ऐसी विषम परिस्थितियों में कम उम्र के बच्चों को किसी भी तरह से जोखिम में नहीं डाला जा सकता है और फ़िलहाल अभी 35 हज़ार से भी ज्यादा मामले आ रहे है इसलिए बच्चों को सुरक्षित रखना सबसे ज्यादा ज़रूरी है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोरोना संक्रमण से मरने वालों के परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के दिशानिर्देश तैयार करने में हो रही देरी को लेकर कड़ी नाराजगी जतायी और कहा कि हमने बहुत समय पहले ही आदेश पारित किया था. हम पहले ही एक बार डेडलाइन को बढ़ा चुके हैं. ऐसा लग रहा है कि जब तक आप दिशानिर्देश तैयार करेंगे तब तक तो महामारी का तीसरा चरण भी समाप्त हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के इस कदर नाराजगी जाहिर करने के बाद केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सर्वोच्च अदालत को आश्वस्त करते हुए कहा कि इस मसले को लेकर सभी चीजें विचाराधीन हैं.
विदित हो कि देश में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं। इसमें सबसे बड़ा राज्य केरल ही हैं, जहां रोजाना 30 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद भी केरल सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है। वहां अबतक कड़ाई से नियम भी लागू नहीं कराए गए हैं। ऐसे में स्थिति और बिगड़ने की संभावना है। ऐसी स्थिति में बच्चों की परीक्षाएं होंगी तो महामारी की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे ही आएंगे। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा लेने पर रोक लगा दी है।