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हर तरफ बिखरी पड़ी लाशें, चीख-पुकार, 116 लोगों की मौत! आखिर हाथरस में कैसे हुआ इतना बड़ा हादसा? प्रशासन ने जारी किया मृतकों का लिस्ट

हर तरफ बिखरी पड़ी लाशें, चीख-पुकार, 116 लोगों की मौत! आखिर हाथरस में कैसे हुआ इतना बड़ा हादसा? प्रशासन ने जारी किया मृतकों का लिस्ट

उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को बड़ी दुर्घटना घटी है.  सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के गांव फुलरई में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में मंगलवार को भगदड़ मच गई, जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत 116 लोगों के मरने की सूचना है. भगदड़ को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.



सिकंदराराऊ के निकट फुलरई के एक खेत में कथित हरि बाबा का एक दिवसीय सत्संग चल रहा था. बता दे जब बाबा का काफिला जाने लगा तो सेवादारों ने करीब पचास हजार से अधिक श्रद्धालुओं को रोक दिया. गर्मी व उमस वाली भरी दोपहर में सत्संग सुनने के बाद श्रद्धालु घर जाने को बेताब थे. फिर भगदड़ मच गई और जो गिरा वो उठ न सका. लोगों की चीख-पुकार को सुनने के लिये वहां पुलिस-प्रशासन की कोई व्यवस्था नहीं थी. नजदीकी जनपद एटा के अस्पतालों के बाहर लगे लाशों के अंबार हृदयविदारक थे. चारों तरफ करुण क्रंदन और अपनों को तलाशने की बेबसी थी. सौ से अधिक लाशों का ढेर देखकर आहत एक पुलिस कांस्टेबल का हार्टफेल होने से निधन हो गया.  मरने वालों में अधिकांश महिलाएं थीं, वहीं कुछ पुरुष व बच्चे भी शामिल हैं. घायलों को हाथरस से लगते एटा अस्पताल भेजा गया. हादसा बड़े आयोजन में सुरक्षा उपायों की अनदेखी पर सवाल उठाता है. सवाल यह भी है कि 17 साल पहले पुलिस की नौकरी छोड़कर कथावाचक बने बाबा में ऐसा क्या सम्मोहन था कि वहां मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश व हरियाणा तक से हजारों श्रद्धालु जुटे थे. अब जांच, मुआवजे और कार्रवाई की बात कही जा रही है. सवाल उठता है कि इतना बड़ा आयोजन बिना पुख्ता इंतजाम के किसकी अनुमति से किया जा रहा था? 



सवाल ये उठता है कि इतने बड़े आयोजन में इतनी बड़ी लापरवाही हुई कैसे .प्रशासन ने आयोजको से सत्संग में आने की संख्या क्यों नही पूछी? सबसे बड़ा सवाल बाबा के पूर्व में हुए आयोजनों में भीड़ कितनी आई इसकी जानकारी क्यो नही ली गई?  सत्संग खत्म होने के बाद अचानक से एक साथ भीड़ बाहर कैसे निकलने लगी?



सत्संग स्थल में भीड़ को निकालने के लिए अलग अलग गेट क्यो नही बनाये गए?  सत्संग खत्म होने के बाद भोले बाबा का काफिला भीड़ से क्यो निकला? बाबा के साथ चलने वाले कौन थे? 



सबसे बड़ा सुरक्षा की इतनी भीड़ के बावजूद गार्डों ने लोगों को रोककर बाबा का काफिला क्यों निकलवाया? बाबा के निकलने के बाद भीड़ को अचानक से एक साथ कैसे छोड़ दिया गया इससे भगदड़ मच गई?



हाथरास में जिस बाबा भोले के सत्संग के दौरान सौंकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं की मौत हुई है, वो बाबा मैनपुरी के एक आश्रम में मौजूद है. बताया जा रहा है कि उस घटना के बाद जब बाबा मैनपुरी पहुंचा तो उसका वहां स्वागत भी किया गया था. 



हाथरस घटना में जान गवाने वाले लोगों की लिस्ट जारी कर दी गई है. अलीगढ़ प्रशासन ने 3 लिस्ट जारी की है...









रिपोर्ट- आशिफ खान


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