SASARAM: रोहतास पुलिस ने सात साल के बाद सीआरपीएफ जवान की हत्या मामले का खुलासा किया है। मामले के मुख्य आरोपी के गिरफ्तार के लिए डीआईजी ने 25 हजार इनाम की घोषणा की थी। जानकारी के अनुसार सीआरपीएफ जवान की हत्या एकतरफा प्यार में हुई थी। गिरफ्तार अपराधी की पहचान मोईन अंसारी के रुप में हुई है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए एसडीपीओ कुमार संजय ने सोमवार को बताया कि गिरफ्तार अपराधकर्मी ने 18 अप्रैल 2017 में सीआरपीएफ जवान रामानुज तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। 26 वर्षीय सीआरपीएफ जवान रामानुज तिवारी भोजपुर के बिहियां थाना क्षेत्र के तेघड़ा गांव के निवासी थे। वो 19वीं बाटालियन में ओडिशा में सिपाही के पद पर तैनात थे। उनकी शादी बिक्रमगंज के खैरा भुधर गांव के पूजा कुमारी के तय हुई थी।
2017 में ही वह पूजा से मिलने खैरा भूधर गांव आए थे। तभी मोईन अंसारी उर्फ मुन्ना अंसारी ने घर में घुसकर रामानुज को गोली मार दी थी, जिससे जवान की मौके पर ही मौत हो गई थी। मामले में मृतक जवान के परिजनों द्वारा बिक्रमगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाया गया था। वहीं पुलिस ने मामले की गंभीरता को लेते हुए जांच शुरू की। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पूजा कुमारी, उसके भाई नीरज कुमार, इंदु कुंअर और उनके निशानदेही पर मोईन अंसारी को अभियुक्त बनाकर गिरफ्तार किया था।
पूजा, उसके भाई और मां को जमानत मिल गई थी, जबकि मोईन फरार चल रहा था। फरार चल रहे मोईन अंसारी पर शाहाबाद डीआईजी ने 25 हजार के इनाम की घोषणा की थी। उसकी गिरफ्तारी के लिए एसपी रोहतास ने विशेष टीम का गठन किया था। टीम ने बिक्रमगंज पुलिस की सहायता से मोईन को टेढ़की पुल के पास से गिरफ्तार किया है। उसका आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है।
वहीं जानकारी के अनुसार मृतक सीआरपीएफ जवान की मंगेतर पूजा अपने परिवार के साथ आरा में रहती थी। वहां पड़ोस में रहने वाले मोईन अंसारी से उसकी दोस्ती हो गई थी। दोनों के बीच बातचीत होती थी। मोईन समझता था कि लड़की उससे प्रेम करती है, इसलिए मिलती और बात करती है। इस बीच पूजा की शादी ठीक हो गई। जब मोईन को पूजा के मंगेतर के गांव पहुंचने की जानकारी मिली तो वह बाइक से वहां पहुंचा और घर में घुसकर मंगेतर रामानुज तिवारी को गोली मार दी थी।