NEWS4NATION DESK : निर्भया के गुनहगारों के फांसी की सजा अनिश्चितकाल तक स्थगित करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर आज बुधवार को उच्च न्यायालय में फैसला आएगा।
कोर्ट ने आज बुधवार को 2:30 बजे फैसला सुनाने के लिए मामले को सूचीबद्ध किया है। इससे पहले, न्यायालय ने निर्भया के माता-पिता को भरोसा दिलाते हुए कहा था कि मामले में जल्द फैसला पारित किया जाएगा।
जस्टिस सुरेश कैत के समक्ष मंगलवार को निर्भया के माता-पिता की ओर से अधिवक्ता जितेंद्र झा ने मामले में जल्द फैसला देने की मांग की। अधिवक्ता ने न्यायालय से त्वरित फैसला देने की मांग की। इस पर जस्टिस कैत ने कहा कि मामले में जल्द ही फैसला दिया जाएगा।
इससे पहले, उच्च न्यायालय ने इस मामले में रविवार को घंटों चली विशेष सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। वहीं, केंद्र सरकार ने उच्च न्यायालय से दोषियों को जल्द फांसी सुनिश्चित करने की मांग की है।
केंद्र सरकार व जेल प्रशासन की ओर से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि निर्भया जैसे जघन्य मामलों में भी इंसाफ में हो रही देरी की वजह से लोग लड़कियों को बाहर भेजने में बचते हैं। उन्होंने कहा था कि लोगों के मन में डर सा बस गया है।
संसद में उठा था यह मामला
गौरतलब है कि निर्भया मामले में सजा पाए चार अपराधियों को फांसी में हो रही देरी का मुद्दा राज्यसभा में मंगलवार को शून्यकाल के दौरान उठा। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने मुद्दा उठाते हुए मांग की कि सजा की तामील के लिए राष्ट्रपति या भारत के प्रधान न्यायाधीश को हस्तक्षेप करना चाहिए।
वहीं, सदन में मौजूद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दोषियों की सजा में विलंब के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया।
सभापति एम वेंकैया नायडू ने भी कहा कि यह अत्यंत संवेदनशील एवं गंभीर मुद्दा है और अदालत के आदेश का यथाशीघ्र कार्यान्वयन किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी हो रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। सभापति ने कहा कि यह अत्यंत संवेदनशील एवं गंभीर मुद्दा है और अदालत के आदेश का यथाशीघ्र कार्यान्वयन किया जाना चाहिए।