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सिवान और पटना की कई ट्रेनें बंद रहने से आम लोगों में नाराजगी, अब जनप्रतिनिधियों का बजाएंगे बैंड

सिवान और पटना की कई ट्रेनें बंद रहने से आम लोगों में नाराजगी, अब जनप्रतिनिधियों का बजाएंगे बैंड

आम दैनिक यात्रियों और जिले के लोगों ने कहा आगामी चुनाव में ट्रेन परिचालन होगा बड़ा मुद्दा

स्थिति नहीं सुधरी तो सबको बदल डालेंगे की तर्ज पर जिले के लोग करेंगे वोटिंग

CHHAPRA : सारण के लोग सारण के सभी बड़े जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में जुट गए हैं. आम लोगों की नाराजगी का इस बार का सबसे बड़ा कारण ट्रेनों का परिचालन बना है. लोगों का कहना है कि जिले में दो-दो सांसदों और 10 विधायकों, दो एमएलसी के रहने के बावजूद सारण के लोगों को ट्रेनों की बेहतर सुविधा नहीं मिल पा रही है इतना ही नहीं सिवान और पटना तक जाने के लिए भी पैसेंजर ट्रेनें मुहैया नहीं हो पा रही है। ऐसे में जनता की समस्या को जब जनप्रतिनिधि नहीं दूर कर पा रहे हैं तो इन्हें पद पर बरकरार रखना कहां तक उचित है आने वाले चुनाव में ऐसे जनप्रतिनिधियों का बैंड बजाना ही पड़ेगा।

नौकरी पेशा, किसान, सब्जी फरोश अधिक परेशान

सिवान, सोनपुर और पटना तक की सुबह वाली ट्रेन नहीं चलने से सबसे अधिक परेशानी नौकरी पेशा किसान और सब्जी फरोश दुकानदारों को हो रही है। इनका कहना है कि सुबह में पहले ट्रेनें चलती थी तो नौकरी पेशा समय पर अपनी ड्यूटी बजा लेते थे किसान जिन्हें पटना और सिवान से खाद बीज या फिर खेती के लायक अन्य जरूरी सामान लाना होता था वह शाम तक लेकर आ जाते थे लेकिन उन्हें भी परेशानी हो रही है सब्जी फरोश जोकि सारण के पड़ोसी जिलों से ताजी सब्जियां लेकर आ जाते थे उन्हें सबसे अधिक परेशानी हो रही है कुल मिलाकर पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन सुबह और शाम में नहीं होने से आम वह गरीब लोगों को ही अधिक परेशानी हो रही है।


क्या कहते हैं लोग

शहर के दहियावां टोला निवासी मधुलिका तिवारी ने बताया कि सुबह में उन्हें सिवान ड्यूटी पर जाना होता है पहले 740 की ट्रेन चलती थी तो वह समय पर ड्यूटी पर हाजिर हो जाती थी अब तो मात्र बस ही सहारा है। बस से यात्रा करना खतरे से खाली नहीं है किराया अधिक लग रहा है सो अलग। काशी बाजार बजरंग नगर निवासी संतोष कुमार गुप्ता ने बताया कि वह शिक्षक है और प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में शिक्षक सिवान और सोनपुर रूट में जाते हैं सुबह में दोनों साइड की पैसेंजर ट्रेन नहीं चलने से काफी परेशानी हो रही है। जो ट्रेन में चल रही है उनकी टाइमिंग नौकरी पेशा के लिए कतई ठीक नहीं है। सब्जी बेचने वाली मुर्तुजा  ने कहा कि सुबह में ट्रेन नहीं होने से सिवान ,गोपालगंज, बलिया,लालगंज, हाजीपुर, पटना आदि जगहों से ताजी सब्जियां छपरा शहर में नहीं आ पा रही है। अधिवक्ता सुनीता कुमारी ने बताया कि वह प्रतिदिन पटना हाईकोर्ट जाती है सुबह में ट्रेन जब से बंद हुई है तब से परेशानी बढ़ गई है।

इन ट्रेनों की है डिमांड

आम यात्रियों के अनुसार सिवान रूट की 7:40 पर खुलने वाली 55020 और 55019 छपरा भटनी ट्रेन का परिचालन सबसे पहले शुरू कर देनी चाहिए। इसके अलावा इंटरसिटी ट्रेन का परिचालन अविलंब शुरू होना चाहिए । पटना के लिए लखनऊ पाटलिपुत्र 25 29-25 30 का परिचालन शुरू हो जाना चाहिए। लोगों ने सिवान से पाटलिपुत्र के लिए 5:00 बजे सुबह में इंटरसिटी टाइप का ट्रेन शुरू करने की मांग की है। इसके अलावा 55078 ,5508, लिक्षवी एक्सप्रे 14006, 052 45, 0 5246, 55021, 55022 के अलावा पाटलिपुत्र के लिए नई तीन ट्रेनों की चलाने की मांग की है ताकि सभी वर्ग के लोगों को राहत मिल सके। लोगों ने ग्रामीण और कचहरी स्टेशन पर आने वाली ट्रेनों को भी छपरा जंक्शन से परिचालित करने की मांग की है, ताकि वहां तक जाने में खर्च होने वाला भाड़ा बच सके।

यह सुविधाएं भी नदारद

रेल मंत्रालय ने सभी स्पेशल ट्रेनों को उनके पुराने नंबर और किराए पर चलाने का आदेश जारी कर दिया है। लेकिन मेमू और पैसेंजर ट्रेनों की बहाली के मामले में अभी तक कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है। इतना ही नहीं जाड़े में भी रेलयात्रियों को एसी कोचों में बेडरोल उपलब्ध करवने पर भी निर्णय नहीं हुआ है। यह सब तब है जब कई सांसदों ने पैसेंजर ट्रेनें चलाने और बेडरोल सेवा शुरू करवाने का सुझाव दे चुके हैं। इसके बावजूद अधिकारी माननीयों के सुझावों की अनदेखी कर रहे हैं। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव देश भर में महाप्रबंधकों के जरिए सांसदों की बैठक करके उनके सुझाव मांगे हैं। इसी कड़ी में सभी मंडलों में सांसदों की बैठकें करके उनकी राय ली जा रही है। अफसरों की मानें तो ज्यादातर सांसद कोरोना के पूर्व की तरह सभी पैसेंजर और मेमू ट्रेनें चलाने पर जोर दे रहे हैं। इसके साथ माननीय ट्रेनों में पूर्ववत खानपान सेवा बहाल करने और एसी कोचों में बेडरोल की सुविधा देने का सुझाव दे रहे हैं, लेकिन रेलवे बोर्ड के अधिकारी अब तक न तो बेडरोल सुविधा बहाल करने के पक्ष में हैं और न ही ट्रेनों में खानपान सेवा देने के।

दैनिक यात्रियों का पांच गुना खर्च बढ़ा

हजारों दैनिक यात्री पैसेंजर, इंटरसिटी व मेमू ट्रेनें न चलने से परेशान हैं। उन्हें रोजाना आवागमन पर पहले की तुलना में पांच गुना किराया व तीन गुना टाइम खर्च करना पड़ रहा है। इसके अलावा बड़ी संख्या में दैनिक यात्रियों को ट्रेनें न मिलने से अपने वाहनों से यात्रा करनी पड़ रही है। जिससे ईंधन की बर्बादी के साथ ही प्रदूषण भी बढ़ रहा है। दो साल पहले तक दैनिक यात्रियों, दूधियों और सब्जी बिक्री करने वाले किसानों के आवागमन के लिए पैसेंजर ट्रेनें अहम साधन थीं, लेकिन कोरोना के बाद सभी तरह की बस सेवाएं तो बहाल हो गईं लेकिन रेलवे ने पैसेंजर और मेमू ट्रेनें नहीं बहाल कीं। अब लोगों को उम्मीद है कि कई राज्यों में चुनाव का समय नजदीक आने तक सरकार के दबाव पर रेलमंत्रालय पैसेंजर और मेमू ट्रेनों को बहाल कर दे।


क्या कहते हैं पीआरओ

कई रेल खंड पर डबलिंग का काम चल रहा है ऐसे में कुछ ट्रेनें रद्द कर दी गई है जल्द इन ट्रेनों को रेलवे बोर्ड द्वारा बहाल कर दिया जाएगा, जबकि कुहासा की वजह से कुछ ट्रेनों को रद्द किया गया है बहुत जल्दी स्थिति सामान्य हो जाएगी।

अशोक कुमार, पी आर ओ ,वाराणसी मंडल

क्या कहते हैं स्टेशन मास्टर

काफी लोगों की डिमांड आ रही है सिवान साइड को जाने वाली 7:40 वाली पैसेंजर ट्रेन के लिए मेरे तरफ से रेलवे बोर्ड को ग्रीन सिग्नल दे दिया गया है आगे निर्णय बोर्ड को लेना है.

विनय कुमार ,स्टेशन अधीक्षक, छपरा जंक्शन

ट्रेनों के परिचालन को ले लगातार हो रहा है प्रयास

जो भी ट्रेन है सिवान और पटना रूट की बंद है उनको फिर से चालू करने कुछ और नई ट्रेनें परिचालित करने समेत सारण में रेलवे का विकास करने को लेकर सांसद राजीव प्रताप रूडी लगातार लगे हुए हैं जल्द ही उसका फलाफल देखने को मिलेगा।


इंजीनियर सत्येंद्र कुमार सिंह, सांसद प्रतिनिधि, सारण

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