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डॉक्टर की हैवानियत : फ़ीस के लिए नवजात को बनाया बंधक, माँ ने किया भिक्षाटन

डॉक्टर की हैवानियत : फ़ीस के लिए नवजात को बनाया बंधक, माँ ने किया भिक्षाटन

BEGUSARAI : कहते हैं डॉक्टर धरती के भगवान होते हैं, लेकिन बेगूसराय में एक डॉक्टर ने चंद रूपयों के चलते एक बच्चे को बंधक बनाकर भगवान शब्द को ही कलंकित कर दिया. इतना ही नहीं डॉक्टर की फीस जमा करने के लिए ममता की मारी मां को दर दर की ठोकर खानी पड़ी. बच्चे को छुड़ाने के लिए माँ को लोगों से भीख तक मांगना पड़ा. लेकिन जब भीख मांगने के बाद भी डॉक्टर की फीस पूरी नहीं हुई तो  पीड़ित माँ ने ममता की रिहाई के लिए जिला प्रशासन के समक्ष आंचल फैलाया. उसके बाद प्रशासन की पहल से बच्चे की रिहाई हो सकी.  

क्या है पूरा मामला

दरअसल समस्तीपुर जिले के नरहन की रहने वाली रिंकू देवी के नवजात बच्चे को निमोनिया हो गया था. अपने बच्चे की स्थिति में सुधार ना होने के बाद रिंकू देवी ने बेगूसराय के एक शिशु रोग विशेषज्ञ संजय कुमार के यहां बच्चे को भर्ती कराया. जहां तकरीबन 7 दिनों के बाद बच्चे की हालत में सुधार हुई. लेकिन इस दौरान डॉक्टर साहब का बिल भी कुंभकरण की तरह बढ़कर 23,500 रूपया हो गया. महिला ने अपने गरीबी की दुहाई देकर डॉक्टर से बिल की रकम कम करने की अपील की. इस बात से नाराज डॉक्टर साहब ने बच्चे को बंधक बना लिया और मां को कहीं से भी पैसे लाने को कहा. थक हारकर महिला ने समस्तीपुर में जाकर भिक्षाटन किया. लेकिन इतना करने के बावजूद भी महज 2000 रुपये ही महिला को प्राप्त हो सके. डॉक्टर ने पूरी रकम के बगैर बच्चे को वापस करने से इंकार कर दिया.

जब बगैर पैसे के डॉक्टर साहब ने बच्चे की रिहाई करने से इंकार कर दिया तब थक हार कर परिजनों ने बेगूसराय के डीएम राहुल कुमार से बच्चे की रिहाई की गुहार लगाई. मामले को सुन जिला प्रशासन भी सकते में आ गया. जिलाधिकारी ने मानवता दिखाते हुए तुरंत बेगूसराय के सदर एसडीएम संजीव चौधरी को हस्तक्षेप करने का निर्देश दिया.

डॉक्टर के द्वारा बच्चे को बंधक बनाने की बात को सुनकर एसडीएम संजीव चौधरी की ओर से मामले में पहल की गई. उनकी ओर से  डॉक्टर को मानवता की याद दिलाई गई. काफी आनाकानी और जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद डॉ संजय कुमार ने बच्चे को मुक्त किया और अब अपने जिगर के टुकड़े को पाकर बच्चे की मां जिला प्रशासन को धन्यवाद दे रही है. बच्चे को पाकर एक मां के चेहरे पर खोई हुई खुशी वापस आ गई । 

बेगूसराय से धनंजय झा की रिपोर्ट 


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