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अपने ही संसदीय क्षेत्र में घिरे "डॉक्टर संजय जायसवाल", सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने को लेकर वादाखिलाफी करने का आरोप

अपने ही संसदीय क्षेत्र में घिरे "डॉक्टर संजय जायसवाल", सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने को लेकर वादाखिलाफी करने का आरोप

MOTIHARI : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह बेतिया सांसद डॉ. संजय जयसवाल पर उनके ही संसदीय क्षेत्र के लोगों में आक्रोश नजर आने लगा है। बंजरिया प्रखंड में ही लोगों ने उन वादाखिलाफी की बता कहते हुए  जमकर नारेबाजी की लगाया। विरोध कर रहे लोगों का कहना था कि सांसद ने  बंजरिया प्रखंड में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण होना की बात कही थी। प्रखंड क्षेत्र में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के ओर से 2014 में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण होना पास भी हो गया। लेकिन राजनीतिक दाव पेच के कारण इसका निर्माण नहीं हो सका।  ग्रामीणों ने बताया कि  प्रखंड क्षेत्र में 13 पंचायत है। वहीं 9 पंचायत से अधिक पंचायतों के लोग प्रखंड सह अंचल कार्यालय के समीप या पकड़िया में स्थित पीएचसी के पास निर्माण कराना चाह रहे हैं।

जगह के चयन को लेकर गांव के लोगों में मतभेद

 बताते चलें कि फुलवार उत्तरी, फुलवार दक्षिणी, रोहिनिया व जनेरवा पंचायत के लोग रोहिनिया पंचायत के बुढ़वा गांव में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण के लिए जमीन का चयन किया। जिसके बाद उक्त इलाके के लोगों का एक शिष्टमंडल सोमवार को नरकटिया विधायक डॉ. शमीम अहमद के नेतृत्व में डीएम शीर्षत कपिल अशोक से मिलकर उक्त जमीन से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा। जिसके बाद मंगलवार को सीओ मणिकुमार वर्मा उक्त स्थल पर पहुंच कर निरीक्षण किया। जिसके बाद बुधवार को अहले सुबह पकड़िया, अजगरी, चैलाहां सहित अन्य गांव के लोग पकड़िया स्थित पीएचसी के मुख्य गेट पर पहुंच जमकर नारेबाजी किये। नारेबाजी कर रहे लोग भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सह स्थानीय सांसद डॉ. संजय जायसवाल को अपना वादा पूरा करने का नारे लगा रहे थे। साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पकड़िया में ही निर्माण को लेकर भी नारेबाजी कर रहे थे। लोगों ने कहा कि स्थानीय सांसद सह भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल जब अप्रैल में पीएचसी परिसर में जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों के साथ एक बैठक किया था। लोगों ने कहा कि उक्त बैठक में सांसद जायसवाल के साथ सदर एसडीओ प्रियरंजन राजू, बीडीओ किरण कुमारी, सीओ, सहित अन्य पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि व भाजपा के नेता उपस्थित थे। जिसमें उन्होंने हम सभी लोगों से वादा किया था कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण प्रखंड सह अंचल कार्यालय के समीप पीएचसी के समीप ही निर्माण कराने का वादा किया था। जब सांसद महोदय हम लोगों से वादा किये तो फिर बुढ़वा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण के लिए भूमि का चयन क्यों किया जा रहा है। 


बाढ़ प्रभावित है बुढ़वा का इलाका, तीन माह तक बंद हो जाएगा अस्पताल

लोगों का कहना था कि बुढ़वा एक बाढ़ प्रभावित इलाका हैं। बाढ़ के दिनों में बुढ़वा कौन कहे सिसवनिया, जटवा, जनेरवा, बुढ़वा सहित उस इलाके के सभी गांव में आने जाने के लिए एक मात्र सहारा तीन माह के लिए नाव ही रहता है। इस इलाके के लिए लोग जैसे तैसे सुगौली होकर 40 से 45 किलोमीटर की दूरी तय करके जिला मुख्यालय आना पड़ता है। हंगामा कर रहे लोगों का कहना था कि अगर सीएचसी का निर्माण बुढ़वा में होता है तो बंजरिया, अजगरी, सिसवा पूर्वी, सिसवा पश्चिमी, सेमरा, चैलाहां, गोबरी, सिसवनिया, मोहम्मदपुर के ग्रामीण कैसे वहां इलाज के लिए पहुंचेंगे। बाढ़ के दिनों में मेडिकल टीम के चिकित्सक कर्मी भी कैसे वहां जाएंगे। लोगो ने कहा कि पकड़िया से सभी पंचायतों का दूरी एक सामान हैं। यह प्रखंड के बीचों बीच में स्थित है। पीएचसी में दुर्घटना होने पर बंजरिया पुलिस भी घायलों को जल्द ईलाज के लिए पहुंचाती हैं। जिसके बाद घायल व्यक्ति का इलाज हो पाता है। वही ज्यादा सीरियस होने पर पीएचसी के डॉक्टरों के द्वारा उक्त मरीज को तुरंत सदर अस्पताल मोतिहारी या शहर के निजी अस्पताल में रेफर किया जाता है। बुढ़वा में जाने के बाद दुर्घटना में घायल व्यक्ति भी ईलाज के अभाव में मौत हो जाएगी। नारेबाजी करने वाले में अजय कुमार, मोहन कुमार, बुलेट प्रसाद, मुन्ना कुमार, कमल प्रसाद, नाथू साह, रीता देवी, चंदा देवी, सीता देवी, किस्मती देवी, शांति देवी, आशा देवी, विक्रम भगत, झालिमा देवी, राजदेव भगत, रामशिष साह, गुरदेली राय, मुन्नीलाल साह, रामस्वरूप भगत, पवन साह, चंद्रिका राम, सुरेंद्र साह, अमरदेव भगत, दिनेश साह, मंगल साह,  लक्ष्मीकांत साह, शिव राय, जयलाल भगत सहित सैकड़ों पुरुष व महिलाएं उपस्थित थे। 

बताते चलें कि प्रखंड मुख्यालय में एक लगभग 5 करोड़ की लागत से एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण होना है। जिसका बीते वर्ष 2020 में बिहार के बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार, स्वस्थ्य मंत्री मंगल पांडेय सहित अन्य ने पटना से रिमोट के माध्यम से शिलान्यास भी कर चुके है। जिसका निर्माण करने के लिए टेंडर भी हो गया है। प्रखंड सह अंचल कार्यालय के समीप निर्माण के लिए स्थल भी चयन का प्रकिया हो चुका है। बावजूद इसके स्थल चयन होने व शिलान्यास होने के बाद पुनः स्थल का चयन किया जा रहा है। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब स्थल का चयन नहीं हुआ था तो फिर आनन फानन में शिलान्यास क्यो किया गया।


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