PATNA : विश्व हेपेटाइटिस डे की पूर्व संध्या पर पब्लिक अवेयरनेस और हेल्पफुल अप्रोच फॉर लिविंग यानी पहल की ओर से हेपिटाइटिस बी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पहल के चिकित्सा निदेशक और वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि हेपेटाइटिस बी का संक्रमण हमारे समाज में तेजी से फैलता जा रहा है। करीब 5 से 6% लोग इसकी संक्रमण की चपेट में है।
हेपेटाइटिस बी लीवर में सूजन के साथ-साथ सिरोसिस और लीवर कैंसर को अंजाम दे सकता है जो जानलेवा होता है। इससे बचाव का सर्वोत्तम उपाय हेपेटाइटिस बी के खिलाफ टीकाकरण है। यह रोग हेपिटाइटिस बी वायरस के संक्रमण से होता है। यह मुख्यतः तीन कारणों से फैलता है। इसमें पहला कारण है हेपिटाइटिस बी या इससे संक्रमित व्यक्ति के रक्त के संपर्क में आने से जैसे ब्लड ट्रांसफ्यूजन, कान छेदना या गोदना।
दूसरा कारण संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध। तीसरा कारण संक्रमित मां के गर्भ से उसके भ्रूण को एवं संक्रमित मां द्वारा स्तनपान कराने से। संक्रमित माँ से उसके बच्चे के बचाव एवं संक्रमित निडिल से चुभने के उपरांत बचाव का सबसे प्रभावी तरीका हेपिटाइटिस बी इम्यूनोग्लोबुलीन का सुई 24 घंटे के भीतर लगाना है।
हेपेटाइटिस बी का टीका 95% रोगियों में प्रभावी होता है। पहली दूसरी 1 माह के अंतराल पर एवं तीसरी सुई पहली वाली सुई के 6 महीने के बाद देनी चाहिए। टीकाकरण की कारगरता एंटी हेपेटाइटिस बी एंटीबॉडी की मात्रा निर्भर करती है जो 10 से ऊपर होनी चाहिए।