PATNA : भारत में हृदय रोग के रोगियों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है. इसका सबसे बड़ा कारण है लोगों में जागरूकता का अभाव। राजधानी पटना के 'मेडिका हार्ट इंस्टीट्यूट' में आयोजित कार्यक्रम में अस्पताल के निदेशक डॉक्टर प्रभात कुमार ने हृदय रोग पर विस्तार प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि अव्यवस्थित जीवन शैली और असंतुलित खानपान के चलते हमारा देश भारत ह्रदय रोग की राजधानी बनते जा रहा है. आजकल पूरे विश्व में ह्रदय रोग के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिसमे हमारे देश में का नंबर सबसे ऊपर है. भारत में रहने वाले लोगों में 40 साल के उम्र से ही ह्रदय रोग के लक्षण दिखाई देने लगते हैं तो वहीं, विदेशों में 55 साल के उम्र के बाद ह्रदय रोग के लक्षण दिखने शुरू होते हैं.
ह्रदय रोग के लक्षण
डॉक्टर प्रभात कुमार ने बताया चलते समय सीने में दर्द होना, छाती में भारीपन का एहसास चलते समय आँखों के सामने अँधेरा छाना, छठ पैरों में सूजन आना और निचले भाग के जबड़े से लेकर सीने तक दर्द होना हार्ट ये सब हृदय रोग के लक्षण हैं. पर लोग जागरूकता के अभाव में सीने के दर्द को गैस का लक्षण समझ लेते हैं और जबड़े के दर्द को दांत का दर्द समझ डेंटिस्ट के पास चले जाते हैं.
ह्रदय रोग से बचाव
डॉक्टर प्रभात कुमार ने बताया कि ह्रदय रोग से बचने के लिए लोगों को नियमित व्यायाम करना चाहिए, तनाव से बचने का प्रयास करना चाहिए, वजन पर नियंत्रण रखना चाहिए और योग के साथ ही साथ खान-पान पर संयम रखना चाहिए. जो हृदय रोग से पीड़ित हैं उन्हें डॉक्टर के सलाह से नियमित दवाओं का सेवन करना चाहिए.
युवाओं को सलाह
डॉक्टर प्रभात ने आजकल के युवाओं को कहा कि भाग-दौड़ से भरी जिंदगी में कम से कम तनाव लें, नियमित खान-पान और एक्सरसाइज का ध्यान रखें तभी हृदय रोग से बचे रह सकते हैं.