पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में हुए खर्च से कई गुना ज्यादा का बिल दे दिया गया है। खर्च की छानबीन की गई तो पता चला कि ऐसे कई एजेंसी ने किया है। बिल में कटौती पर कोषांन प्रभारियों ने शुरुआती जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस पर जिला निर्वाचन कार्यालय में मंथन किया जा रहा है हालांकि अभी कुछ बीडीओ की रिपोर्ट आनी बाकी है इसलिए अधिकारियों का कहना है कि सभी का मिलान एक साथ किया जाएगा।
उम्मीद से कई गुना हुआ अधिक दिखाया गया था खर्च
पटना जिले में बिहार विधानसभा के चुनाव के अलग-अलग कोषांगों द्वारा खर्च की जानकारी दी जा रही है। पिछले साल जब विधानसभा चुनाव हुए तो कुल खर्च अधिकतम 50 करोड़ के आसपास होने का अनुमान लगाया गया था. लेकिन चुनाव बाद जब सभी जिलों में व्यवस्था करनेवाली एजेंसियों ने बिल दिए, तो सभी को होश उड़ गए। सिर्फ चुनाव के लिए आए सेना के जवानों पर ही 42 करोड़ का खर्च दिखा दिया गया था। जिसके बाद इस राशि के भुगतान पर रोक लगा दी गई, साथ ही सत्यापन करने वाले अधिकारियों की टीम ने पहले इसमें 10 करोड़ की कटौती भी कर दी है। अर्धसैनिक बलों के रहने व खाने-पीने में इनसे जरा 32 करोड़ का खर्च दिया गया है लेकिन अधिकारी अभी से अधिक बता रहे हैं
53000 खर्च कर दिया 57 लाख का बिल
चुनाव में हुए खर्च का किस प्रकार गड़बड़ी की गई इसका एक उदाहरण भी सामने आया है जिसमें एक एजेंसी द्वारा मात्र ₹53000 खर्च किए गए लेकिन उसने बिल में संता ₹57 लाख खर्च होने का ब्यौरा दिया है। इसमें एजेंसी द्वारा टेंटों में एसी लगाने सोफा व अन्य चीजों की व्यवस्था करने की जानकारी दी है जबकि हकीकत में ऐसी कोई चीजें नहीं लगाई गई थी