पटना- बिहार के बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है. इस बार चुनावी मौसम को देखत हुए सरकार ने बिजली दरों में कोई इजाफा नहीं किया है.
ऐसी संभावन जताई जा रही थी कि इस बार भी बिजली दरों में भी इजाफा किया जाएगा. विनियामक आयोग के अध्यक्ष एसके नेगी ने बताया कि 2018-19 के बिजली दरों को ही 1 अप्रैल से लागू किया जाएगा. दरअसल बिहार की विद्धुत कंपनियों नें 2019-20 के लिए बिजली दर बढाने संबंधी याचिका बिहार विद्धुत विनियामक आयोग के समक्ष दायर की थी.इस संबंध में आयोग ने इसकी सुनवाई की।बिजली दर को लेकर विनियमाक आयोग ने सुनवाई के बाद फैसला सुनाया है.
आयोग के अध्यक्ष एसके नेगी ने बताया कि बिजली दरों में कोई इजाफा नहीं किया गया था. 2018-19 में जो बिजली दरें हैं उसी बिजली दर को 2019-20 में भी बरकरार रखा जाएगा. सिर्फ ग्रामीण इलाकों में नल जल योजना के लिए नई दर लागू की गई है. इसमें प्रति एचपी फिक्स चार्ज देना होगा. साथ ही उपभोक्ताओं को राहत देते हुए विलंब से भुगतान करने पर सरचार्ज की राशि को 1.5 फीसदी से घटाकर 1.25 फीसदी किया गया है. स्मार्ट प्री मीटर का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को 6 फीसदी ब्याज सरकार देगी.
बिहार की दोनों बिजली कंपनियों ने वित्तिय वर्ष 2019-20 खुदरा विद्धुत विक्र दर में 6.5 फीसदी का प्रस्ताव दिया था. लेकिन आयोग ने कंपनियों के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और बिजली की दरों में इजाफा करने से इंकार कर दिया.
पिछले साल भी बढ़ी थी बिजली दर
आपको बता दें कि पिछले साल भी बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने एक अप्रैल से पांच फीसदी महंगी बिजली दर का फैसला सुनाया था. केवल एक श्रेणी बड़े उद्योग में यह वृद्धि दर 9.92 फीसदी है. बिजली कंपनी ने 44 फीसदी बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था।सुनवाई पूरी होने के बाद 5 फीसदी बिजली दर बढ़ाने पर फैसला हुआ था.