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सात साल में सबकुछ हुआ मंहगा, लेकिन आपदा राहत के तहत मिलनेवाली राशि में नहीं हुआ बदलाव

सात साल में सबकुछ हुआ मंहगा, लेकिन आपदा राहत के तहत मिलनेवाली राशि में नहीं हुआ बदलाव

अगलगी में सबकुछ गंवाने के बाद घर बनाने के लिए देंगे इतने रुपए

PATNA : बिहार में गर्मी बढ़ने के साथ ही कई जगहों से अगलगी की घटनाओं में वृद्धि हुई है। कई जगहों पर लोगों के घर और फसल के साथ मवेशी भी जल गए हैं। जिसके बाद अब आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से पीड़ितों के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा की गई है। जिसमें पक्के घर, कच्चे घर सहित खेतों में हुए फसल नुकसान, मवेशियों की मौत से हुए नुकसान के साथ घर के सामान से हुए नुकसान के लिए मदद की बात कही गई है। 

आपदा प्रबंधन की तरफ अगलगी में जले कच्चे या पक्के घर की भरपाई के लिए आर्थिक सहायता के रूप में 95,100-1,01,900 रुपए देने की घोषणा की गई है। इनमें 95 हजार मैदानी क्षेत्रों के लिए तथा एक लाख की सहायता राशि पहाड़ी क्षेत्रों के लिए तय किया गया है। इसी तरह उन पक्के मकानों के लिए जहां क्षति 15 फीसदी से कम हुई है, उन्हें 5,200 तथा कच्चे मकानों के लिए यह राषि 3200 रुपए होगी। वहीं झतिग्रस्त झोपड़ी के मुआवजे के रूप में 4100 तथा पशु शेड के नुकसान का मुआवजा 2100 रुपए दिया जाएगा।


फसल नुकसान पर इतना मिलेगा मुआवजा

अगलगी में फसल या खलिहान में हुए नुकसान के लिए भी मुआवजे की राशि तय कर दी गई है। इसमें पहले यह तय किया जाए कि कितने क्षेत्र में लगी फसल को नुकसान हुआ है। अगर फसल का नुकसान 33 फीसदी से अधिक है तो कृषि इनपुट सब्सिडी का लाभ पीड़ित किसानों को दिया जायगा। इनमें रोपनेवाले फसल या वार्षिक वृक्षारोपण वाले फसल के लिए 6800 से 13,500 रुपए तक प्रति हेक्टेयर की दर से भुगतान किया जाएगा। 

इसी तरह शाश्वत फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 18000 तथा उन किसानों को, जिनके पास दो हेक्टेयर से अधिक भूमि है, वह कृषि सब्सिडी के तहत तीनों प्रकार के सहायता राशि पाने के पात्र होंगे।

सूखा राशन व वस्त्र बर्तन के लिए भी सहायता

आपदा प्रबंधन विभाग ने अगलगी में पीड़ित परिवार के लिए कपड़े, बर्तन आदि के लिए अनुदान राशि का निर्धारण किया है। जिसमें कपड़ों के लिए 1800 तथा बर्तन की खरीदारी के लिए 2000 रुपए देने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही पीड़ित परिवार को सूखा राशन भी उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।

मवेशियों के लिए मिलेगी इतनी राशि

अगलगी में कई मवेशी भी जलकर मर गए हैं। आपदा विभाग ने उनके लिए भी अनुदान राशि निर्धारित कर दी है। जहां गाय भैसों के मारे जाने पर 30 हजार रुपए मुआवजा दिया जाएगा। वहीं भेंड़ बकरी की मौत पर 3000 रुपए दिए जाएंगे। इसी तरह ऊंट, घोड़ा, बैल की मौत पर 25000 तथा गदहा और टट्टू 16000 रुपए दिए जाएंगे। वहीं पॉल्ट्री फॉर्म में प्रति चिड़ियां 50 रुपए की दर से भुगतान किया जाएगा

सात साल पुराना दर

आपदा प्रबंधन की तरफ से यह राशि 2015 में तय किए मानदर के अनुसार की गई है। सात साल बाद जब सभी चीजों की कीमतें दोगुनी हो चुकी है। सरकार अब भी पुराने अनुदान की राशि को ही भुगतान कर रही है। 

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