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पराली जलाया तो सरकारी सुविधाओं से वंचित हो जाएंगे किसान, जानें क्या है सरकार का नया आदेश

पराली जलाया तो सरकारी सुविधाओं से वंचित हो जाएंगे किसान, जानें क्या है सरकार का नया आदेश

PATNA : बिहार में धान खरीदी कटाई के साथ धान खरीदी का काम भी शुरू हो गया है। इसके साथ ही सरकार की तरफ से एक आदेश भी जारी कर दिया गया है। जो कि सूबे के किसानों की परेशानी बढ़ा सकती है। सरकार के नए आदेश के अनुसार राज्य में कंबाईन हार्वेस्टर चलाने के लिये जिलाधिकारी से अनुमति अनिवार्य होगी।  वहींपराली जलाने वाले किसान सरकारी सुविधाओं से तो वंचित होंगे ही उनका नाम भी सार्वजानिक किया जाएगा। वहीं सभी डीएम अब फसल कटनी के पूर्व सभी कंबाईन हार्वेस्टर के मालिक-किसान अथवा चालक से फसल अवशेष नहीं जलाने का शपथ-पत्र लेंगे। 

शुक्रवार को कृषि सचिव डॉ. एन सरवण कुमार ने शुक्रवार को विकास आयुक्त की अध्यक्षता में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में पटना, मगध, सारण, मुंगेर, दरभंगा तथा तिरहुत प्रमंडल में आने वाले डीएम को कई निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने पराली प्रबंधन के रोहतास मॉडल को विस्तार देने की सलाह भी दी। इस दौरान कृषि सचिव ने सभी डीएम को निर्देश दिया कि जिला व प्रखण्ड कृषि कार्यालयों में फसल अवशेष को खेतों में जलाने वाले किसानों की सूची को प्रकाशित किया जाएगा। साथ ही उन किसानों का डीबीटी पोर्टल से पंजीकरण रद्द किया जाएगा। इसके बावजूद वह पराली जलाएंगे तो दंडात्मक कार्रवाई होगी। कृषि सचिव ने कहा कि इससे दूसरे किसानों को सीख मिलेगी। 

अलग के की जा रही है व्यवस्था, अपनाए जाएंगे रोहतास मॉडल

फसल अवशेष का उपयोग करने के लिये कृषि विज्ञान केंद्र पटना, नालंदा, रोहतास, कैमूर, भोजपुर, बक्सर, अरवल, गया, औरंगाबाद तथा बांका में बायोचार इकाई का निर्माण किया जा रहा है। कृषि सचिव ने बताया कि रोहतास में कृषि विज्ञान केन्द्र के पॉयलट प्रोजेक्ट मॉडल पर फसल अवशेष प्रबंधन किया जाये। साथ ही सभी जिलों के कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा कॉम्फेड के साथ मिलकर फसल अवशेष से चारा तैयार कर दुग्ध उत्पादक समितियों को उपलब्ध कराया जाएगा। इससे खेतों में फसल अवशेष जलाने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण होगा तथा फसल अवशेष प्रबंधन को प्रोत्साहन मिलेगा।


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