KATIHAR : 20 साल पहले नदी के कटाव में अपनी जमीन और घर गंवाने के बाद एक व्यक्ति अपना गांव मेदनीपुर छोड़ अपने गुजर बसर के लिए परिवार के मनिहारी आ गया। कुछ न मिलता रेलवे स्टेशन के बाहर फुटपाथ पर एक चाय की दुकान खोल ली। किसी तरह परिवार के लिए कुछ कमाई होने लगी। तब से वह अब तक चाय बेच रहे हैं। वहीं इस दौरान उनका बेटा भी दुकान चलाने में सहयोग करने लगा। शायद कुछ दिन पहले उस चाय दुकान पर आनेवाले ग्राहकों को यह अनुमान भी नहीं होगा कि जिस लड़के को वह चाय बेचते देख रहे हैं, वह अपनी मेहनत से अब बिहार पुलिस में दारोगा बन जाएगा। आज उस दुकान पर चाय पीनेवालों से ज्यादा उस लड़के से मिलने के लिए लोग आ रहे हैं।
मामला कटिहार के मनिहारी रेलवे स्टेशन के बाहर चाय दुकान चलानेवाले कैलाश सिंह से जुड़ा है। जिनके सुकरात सिंह ने हाल में जारी हुए दारोगा भर्ती परीक्षा में कामयाबी हासिल की है। बेटे की कामयाबी पर पिता कैलाश सिंह बेहद खुश हैं। उनका कहना था उसने अपनी मेहनत से अपना भविष्य तय किया है।
वहीं दारोगा भर्ती में कामयाबी हासिल करनेवाले सुकरात भी इसके लिए परिवार को श्रेय देते हैं। सुकरात ने बताया कि अपने फुफेरे भाई को दारोगा बनते देखा था। जिसके बाद मैंने भी तैयारी शुरू की। खाली समय में घर पर ही किताबें पढ़ता था। वहीं इंटरनेट और यूट्यूब के माध्यम से खुद को दरोगा की परीक्षा के लिए तैयार किया। सुकरात ने बताया कि उनके साथ तैयारी करनेवाले दूसरे साथ अंतिम परीक्षा में कामयाब नहीं हो पाए। सुकरात ने बताया कि अभी सिर्फ दारोगा की परीक्षा तक नहीं रुकेंगे, उनकी इच्छा बड़ा अधिकारी बनने की है।
REPORTED BY SHAYAM