KUSHINAGAR : मुसहर व दलित समुदाय के बीच ईसाई मशीनरी सक्रिय ,बहला फुसलाकर विमारी ठीक करने का झांसा देकर धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। जनपद के हनुमानगंज थाना क्षेत्र में एक सप्ताह ने दूसरा मामला उजागर होने से हिन्दू संगठन व पुलिस सक्रिय हो गयी है। कुछ बर्षो से इस क्षेत्र में इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं। जबकि यूपी सरकार द्वारा सख्त कानून भी बनाया गया है अगर विना कानूनी प्रक्रिया पूर्ण किए कोई धर्म बदलता है या बदलवाता है ,तो एक से दस साल तक सजा हो सकता है।
जनपद के हनुमानगंज थाना क्षेत्र के माघी भगवानपुर ग्राम में मुसहर व दलित समुदाय के लगभग 15 परिवारों के ईसाई धर्म का पालन करने की सूचना मिलते ही हिन्दू युवा वाहिनी पदाधिकारी गंगासागर सिंह, जितेन्द्र सिंह आदि गांव में पहुंचे ,पता चला कि लगभग 15 मुसहर व दलित परिवारों को लालच, छलकपट व बीमारी दूर करने की बात कहकर ईसाई धर्म में परिवर्तन कराया जा रहा है। कुछ परिवारों ने बाइबिल व ईसाई लाकेट, ईशु की तस्वीर घरों में सजा रखा है, हिन्दू देवी देवताओं के तस्वीर व चिन्ह घरों से हटा दिया गया है।
बिहार का एक व्यक्ति करवाता है ईशु की प्रार्थना
रविवार को जब हिन्दू नेता वहां पहुंचे तो कुछ लोग ने बताया की बिहार का एक व्यक्ति आते हैं वे प्रार्थना कराते हैं , ईशु का जबसे प्रार्थना कर रहे हैं तबसे बीमारी ठीक हो गयी है। इसी थाना क्षेत्र के बोधीछपरा गांव में पैतीस मुसहर व दलित परिवारों द्वारा ईसाई धर्म में चले जाने के मामले में दो लोगो को गिरफ्तार कर शांति भंग में जेल भेजा गया है।
10 साल की सजा का प्रावधान
उत्तर प्रदेश सरकार ने गैरकानूनी धर्मांतरण विधेयक 2020 में प्रावधान किया है की, लालच या दबाव ,प्रलोभन, छलकपट,वहकावे आदि कारण से धर्म परिवर्तन किया या कराया तो अलग अलग प्रावधानों के तहत एक साल से दस साल तक सजा व जुर्माना भरना पड़ सकता है। नियम के मुताबिक स्वेच्छा से धर्म बदलने व बदलवाने वाला दो माह पुर्व डीएम को सूचना देंगे इसके बाद पुलिस जांच करेगी, तमाम कानूनी प्रक्रिया के बाद ही यह संभव हो सकता है। इस कानून के तहत दो से अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन कराने पर 3 से 10वर्ष तक जेल व पचास हजार जुर्माना ।अनुसूचित जाती ,जनजाति ,महिला ,नाबालिग के धर्म परिवर्तन कराने के मामले में 2 से 10 वर्ष तक सजा व 25 हजार जुर्माना आदि का प्रावधान है।
क्या कहते हैं एसडीएम
एसडीएम अरविंद कुमार का कहना है की कानून के अनुसार इस तरह लोगों को प्रलोभन व बहकाकर धर्म बदलने के लिए प्रेरित करना या स्वयं प्रेरित होना अपराध है। इस तरह के कृत्य से समाज में आक्रोश व कानून व्यवस्था प्रभावित होती है। शांति भंग मे दो लोगो को जेल भी भेजा गया है।विना कानूनी प्रक्रिया का पालन किए इस तरह के कार्यो में संलिप्त लोगों पर विधिसम्मत कार्यवाई हेतु पुलिस को निर्देश दे दिया गया है।