PATNA : पटना में 16-17 जून को पहली बार GFMCON का आयोजन होने जा रहा है। यह सम्मेलन देश में अपनी तरह का पहला होगा जो संयुक्त रूप से एफओजीएसआई और आईएसपीएटी (इंडियन सोसाइटी ऑफ प्रिनाटल डायग्नोसिस एंड थेरेपी) द्वारा समर्थित है और पटना ओबस्टेट्रिक एंड गायनकोलॉजिकल सोसाइटी द्वारा होस्ट किया गया है। सम्मेलन का उद्घाटन बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे करेंगे। सम्मेलन के सचिव डॉ प्रज्ञा मिश्रा चौधरी ने कहा कि जन्म दोषों की घटनाएं भारत में 6-7% है । सालाना 1.7 मिलियन मामलों इसके सामने आते हैं। आनुवंशिकी और भ्रूण चिकित्सा Obstetrics और Gynecology की एक उप-विशेषता है जो गर्भाशय में गर्भ के स्वास्थ्य पर केंद्रित है जिससे भ्रूण वृद्धि प्रतिबंध, जन्मजात विकृतियां, मानसिक विकलांगता, पूर्वकल्पना और प्रसवपूर्व निदान और उपचार के माध्यम से इंट्रायूटरिन मौतें रोकती हैं ।
डॉ प्रज्ञा
मिश्रा चौधरी ने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य बिहार राज्य में ओबस्टेट्रिक्स और
स्त्रीविज्ञान की इस उप-विशेषता के लिए प्रसूतिविदों को संवेदनशील बनाना है ताकि
हम जन्मजात विसंगतियों और जन्म दोषों की घटनाओं को कम कर सकें। सम्मेलन हमारे
ज्ञान को समृद्ध करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। डॉ प्रज्ञा मिश्रा चौधरी ने
बताया कि सम्मेलन में एफओजीएसआई के अध्यक्ष डॉ जयदीप मल्होत्रा और आईएसपीएटी के
अध्यक्ष डॉ नरेंद्र मल्होत्रा, डॉ केशव मल्होत्रा आगरा
से,बेंगलुरू से डॉ प्रतिमा राधाकृष्णन और डॉ अनीता शेटेटेरी, वेल्लोर से डॉ मनीषा माधई बेक और डॉ स्वाती राठौर, मणिपाल से डॉ अखिला वासुदेव, त्रिची से डॉ. मालाथी प्रसाद, हैदराबाद से डॉ अमिता इंडर्सन, डॉ पी के शाह, डॉ राजू साठे, डॉ सौरभ दानी, डॉ मनजीत मेहता, डॉ उषा डेव, डॉ सचिन निचित, मुंबई के डॉ विशाखख्शी कामथ, प्रशांत आचार्य, अहमदाबाद के गीतेन्द्र शर्मा, राजकोट के डॉ
कुणाल जडेजा, पुणे से डॉ चिनमे उमरजी,
डॉ वैशाली चव्हाण, डॉ दीपिका देका, डॉ अपर्णा शर्मा, डॉ वत्सला दधवाल, डॉ अशोक खुराना, दिल्ली के डॉ मधुसूदन डे,
डॉ मंदाकिनी प्रधान और डॉ अमृत लखनऊ से,रायपुर से डॉ सरिता अग्रवाल, कोलकाता से डॉ
एंटीमा भाग लेंगी।