PATNA : बदलती जीवनशैली और आपाधापी के चलते भारतीय पुरूषों के वीर्य की गुणवत्ता और शुक्राणुओं की संख्या में तेजी से गिरावट सामने आयी है। चिंताजनक बात यह है कि ग्लोबल अध्ययन में यह सामने आया है कि शुक्राणुओं की औसत संख्या में 32 फीसदी तक गिरावट आयी है लेकिन सुकून वाली बात यह है कि आईवीएफ के रूप में इसका उपचार उपलब्ध है। निःसंतानता के ईलाज के क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी फर्टिलिटी चैन इन्दिरा आईवीएफ ने पटना के कंकड़बाग स्थित देवकी कमर्शियल कॉम्पलेक्स, डॉक्टर्स कॉलोनी में अपने नये सेंटर का शुभारंभ किया है। यहां रियायती दरों पर निःसंतान दम्पतियों का ईलाज किया जायेगा, यह ग्रुप का 86वां सेंटर है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डे थे।विशिष्ट अतिथि राज किशोर चतुर्वेदी सिविल सर्जन, पटना रहे। विशेष अतिथि शशांक शेखर एवं डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमार भी उपस्थित थे। स्वास्थ्य मंत्री ने निःसंतानता के क्षेत्र में इंदिरा आईवीएफ के जन जागरूकता लाने के प्रयासों की भुरी-भुरी प्रशंसा की।
इंदिरा आईवीएफ बिहार के प्रमुख भ्रूण विशेषज्ञ डॉ. दयानिधि कुमारने बताया कि हमारी लाइफ स्टाईल ने बांझपन को आमन्त्रण दिया है। खासकर धूम्रपान, खराब खानपान, तनाव ने पुरूषों की फर्टिलिटी को प्रभावित किया है। गर्भधारण के लिए पुरूषों की शुक्राणुओं की संख्या, गतिशीलता और बनावट अच्छी होना आवश्यक है। यदि इन सब में कमी हो तो प्राकृतिक गर्भधारण में समस्या आती है। ऐसे में आईवीएफ तकनीक से गर्भधारण करवाया जा सकता है।
कंकड़बाग सेंटर की आईवीफ स्पेशलिस्ट डॉ . अनुपम कुमारीने कहा की बांझपन के लिए पुरूष और महिला दोनों भागीदार हो सकते हैं। इसलिए निःसंतानता के ईलाज के लिए दोनों को आगे बढ़ना चाहिए। उन्होने बताया की आईवीएफ तकनीक के जरिये पूरे विश्व में 80 लाख दंपत्ति लाभान्वित हो चुके हैं। सेंटर शुभारंभ के अवसर पर 18 से 29 फरवरी 2020 तक निःषुल्क निःसंतानता परामर्श शिविर रखा गया है। जिसमें निःसंतान दम्पती विशेषज्ञों से निःशुल्क परामर्श प्राप्त कर पाएंगे।
इन्दिरा आईवीएफ ग्रुप के चेयरमैन डॉ. अजय मुर्डियाने बधाई देते हुए कहा कि कंकड़बाग में निःसंतान दम्पतियों के ईलाज के लिए आधुनिक केन्द्रों का अभाव है। इस कारण उन्हें बड़े शहरों की ओर रूख करना पड़ता है। अब यहीं पर आईवीएफ केन्द्र खुलने से उन्हें अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध होगी। बिहार में पटना, बेगूसराय, मोतिहारी, भागलपुर और मुजफ्फरपुर के बाद यह ग्रुप का छठां सेंटर है। यहां केन्द्र खुलने से आसपास के क्षेत्र के लोगों को फायदा होगा उन्हें इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।