मुजफ्फरपुर-अपने घर से अपने प्रेमी के साथ सात जन्मों तक साथ बिताने का सपना संजोग कर एक नाबालिग किशोरी अपने घर से फरार हुई वही फर नवालिंग किशोरी जब शादी करने के बाद अपने पति के साथ सुसराल पहुंची तो उनके सपनो की दुनिया महज पल भर में हो गया खत्म सिलीगुड़ी की पुलिस ने घर से फरार नवालिंग किशोरी के ससुराल में दी दस्तक और किशोरी को उसके पति के साथ पकड़ अपने साथ ले गई
एक महीने पहले घर से हुई थी फरार
सिलीगुड़ी के भक्ति नगर थाना क्षेत्र के रहने वाली एक नाबालिग किशोरी को मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र के दरधा गांव के रहने वाले एक युवक रवि कुमार से प्यार हो जाता है वही जब प्यार परवान चढ़ने लगता है तो नाबालिग किशोरी यूवक के साथ अपने घर से फरार हो जाती है जिसके बाद किशोरी के परिजनो के द्वारा अपने बेटी के गायब होने का आवेदन थाना में दिया जाता है
किशोरी के घर के पास था युवक के किराया का मकान
मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र के दरधा का रहने वाला नरेश मल्लिक का पुत्र रवि कुमार चार भाई है वही रवि काफ़ी दिनो से सिलीगुड़ी के भक्ति नगर थाना क्षेत्र में एक होटल में नौकरी करता था और पास के एक मकान में किराया पर रहता था वही पड़ोस के मकान में रहने वाली नाबालिग किशोरी से रवि कुमार को प्यार हो गया इसी बीच देखते ही देखते दोनो में करीबीया बढ़ गई और दोनों ने इस प्यार को अपने अंजाम तक पहुंचाने के लिए फरार हो गए
दुर्गा पूजा के दौरान दोनों हुए थे फरार
वही प्रेमी जोड़े अपने प्यार को अंजाम तक पहुंचाने के लिए दुर्गा पूजा के दौरान सिलीगुड़ी से फरार हो गए थे लेकीन प्रेमी जोड़े को क्या पता था कि उनके प्यार पर परिजनो ने पुलिस का पहरा बिठा दिया है और हुआ भी कुछ ऐसा ही जैसे ही दोनो प्रेमी जोड़े शादी के बाद अपने घर पहुंचे सिलीगुड़ी पुलिस ने दस्तक दी और दोनो प्रेमी जोड़े को पकड़ अपने साथ लेकर चली गई
सिलीगुड़ी पुलिस ने मुजफ्फरपुर पुलिस के साथ की छापेमारी
सिलिगुड़ी से फरार होने के बाद नाबालिग किशोरी के परिजनो ने भक्ति नगर थाना में अपनी बेटी के गायब होने की एफआईआर दर्ज कराई थी जिसके बाद से ही भक्ति नगर थाना की पुलिस इन प्रेमी जोड़े के पीछे पड़ी थी और अब सकरा थाना पुलिस के सहयोग से छापेमारी कर प्रेमी जोड़े को सकरा थाना क्षेत्र के दरधा से पकड़ कागज़ी प्रक्रिया पुरी करने के बाद सिलीगुड़ी के लिए निकल गई.
बहरहाल संचार क्रांति हो या अंतरिक्ष में बढ़ती पहुंच-ये अद्भुत एवं विलक्षण घटनाएं तब बेमानी लगती है या बौनी हो जाती है जब हमारे समाज की सोच में प्यार के लिये संकीर्णता एवं जड़ता की दीवारें देखने को मिलती है। फिर मन को झकझोरने वाला प्रश्न खड़ा होता है क्या वाकई जमाना बहुत आगे निकल आया है या अब भी अंधेरे की संकीर्ण एवं बदबूदार गलियों में ठहरा हुआ है?