BHAGALPUR : बॉलीवुड की मशहूर फिल्म शोले में एक गाना आप सबको याद होगा. होली के दिन दिल खिल जाते हैं, रंगों में रंग मिल जाते हैं. गिलेशिकवे भूल कर दोस्तों, दुश्मन भी गले मिल जाते हैं. कुछ ऐसा ही हुआ भागलपुर की राहुल और ज्योति के साथ. होली के दिन एक दूसरे के गालों पर गुलाल मलते मलते ज्योति और राहुल हमेशा के लिए एक दूसरे के हो लिए.
यह भागलपुर जिला अंतर्गत कहलगांव प्रखंड के बंशीपुर गांव के राहुल और ज्योति की कहानी है. दोनों की कहानी किसी फिल्म की तरह लगती है. दरअसल ज्योति करीब एक साल पहले राहुल को दिल दे बैठी थी. छिप-छिपकर दोनों का मिलना जुलना जारी था. लुकाछिपी का खेल बहुत दिन तक नहीं चला था. धीरे-धीरे पूरे गांव में यह प्रेम कहानी सभी की जुबान पर चढ़ गई. होली के दिन ज्योति अपनी सखियों के साथ प्रेमी राहुल के साथ रंग खेलने के लिए उसके घर पहुंच गईं. ज्योति को देख राहुल भी खुद को नहीं रोक पाया.
दोनों ने पहले एक दूसरे की गालो को रंगा. फिर दिल के रंग को इतना गहरा लगा लिया फिर एक दूजे के साथ होने के लिए ठान ली. फिर क्या था. राहुल ने सिंदूर ज्योति की मांग में भर दी. बात दोनों के परिवार तक पहुंच गई. स्वजातीय होने के कारण दोनों परिवार को कोई परेशानी नहीं हुई. गांव के लोग एकत्र हो गए. सभी ने दोनों के विवाह की सहमति जता दी. जिसके बाद दोनों की शादी करा दी गयी.
भागलपुर से अंजनी कुमार कश्यप की रिपोर्ट