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CM नीतीश की 'लुटिया' डूबोने वाले नेताओं की BJP में घर वापसी शुरू, अगला नंबर किनका....

CM नीतीश की 'लुटिया' डूबोने वाले नेताओं की BJP में घर वापसी शुरू, अगला नंबर किनका....

PATNA:  बिहार बीजेपी में अब उन नेताओं की घऱ वापसी शुरू हो गई है जो 2020 में सीएम नीतीश की लुटिया डूबोने में मदद की थी। खरमास खत्म होते ही भाजपा नेतृत्व ने इस पर कदम बढ़ा दिये हैं। नेतृत्व ने उन नेताओं की लिस्ट बनाई है जो 2020 विधानसभा चुनाव के दौरान लोजपा से जुड़कर चुनाव लड़े थे और अपरोक्ष रूप से जेडीयू कैंडिडेट को हराने में मदद की थी। भाजपा नेतृत्व ने विस चुनाव से पहले पार्टी के उपाध्यक्ष रहे राजेन्द्र सिंह को आज एक बार फिर से दल में शामिल करा लिया। सबसे खास तो यह कि बीजेपी संजय जायसवाल ने अपने गृह जिले बेतिया में राजेन्द्र सिंह को आनन-फानन में दल में शामिल करा कर सहयोगी जेडीयू को साफ मैसेज दिया है। 

2020 में राजेन्द्र सिंह ने जय कुमार सिंह को हरवा दिया था

बीजेपी अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने राजेन्द्र सिंह को आज घर वापसी कराई है। इसके पहले वे पार्टी से बगावत कर लोजपा के टिकट से दिनारा से चुनाव लड़े थे। राजेन्द्र सिंह की वजह से जेडीयू कैंडिडेट जय कुमार सिंह की करारी हार हो गई है। जेडीयू कैंडिडेट तीसरे नंबर पर चले गये थे। हालांकि राजेन्द्र सिंह को भी जीत नहीं मिली, दूसरे नंबर से संतोष करना पड़ा था। वैसे राजेन्द्र सिंह 2015 में भी बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे। तब बीजेपी व जेडीयू अलग-अलग थी। 2015 के विस चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट राजेन्द्र सिंह की करारी हार हुई थी। बताया जाता है कि 2015 विस चुनाव के दौरान राजेन्द्र सिंह के समर्थक इन्हें भावी मुख्यमंत्री का कैंडिडेट बता रहे थे। लेकिन खुद भी चुनाव नहीं जीत सके।

अगला नंबर किनका

राजेन्द्र सिंह की घर वापसी के बाद अब चर्चा शुरू है कि अगला नंबर किनका है। पिछली बार के विस चुनाव में बिहार बीजेपी के करीब 20 से अधिक नेता लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे। अपरोक्ष रूप से इन नेताओं को स्थानीय स्तर पर भाजपा के कार्यकर्ताओं का भी समर्थन भी मिला था। जेडीयू बार-बार यह बात दुहराती है कि हमारे कैंडिडेट हारे नहीं बल्कि सहयोगी दल की साजिश के भेंट चढ़ गये। जेडीयू के नेता अपरोक्ष रूप से बीजेपी पर धोखा देने का भी आरोप मढ़ते हैं। जेडीयू का मानना है कि अगर पार्टी 43 सीटों पर सिमट गई तो इसके पीछे सहयोगी दल का हाथ है। लोजपा नेता रहे राजेन्द्र सिंह तो अब फिर से भाजपा में शामिल हो गये। इसके अलावे लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़े रामेश्वर चौरसिया,उषा विद्यार्थी समेत एक दर्जन से अधिक बड़े नेता चुनावी मैदान में उतरे थे। रामेश्वर चौरसिया तो काफी पहले ही लोजपा से इस्तीफा दे चुके हैं। हालांकि उनकी घर वापसी कब होगी इस पर बीजेपी नेतृत्व  सस्पेंस बरकरार रखे हुए है। बताया जाता है कि पूर्व विधायक उषा विद्यार्थी भी बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं। हालांकि उन्होंने बीजेपी में वापसी की बात से इंकार किया है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि ऐसे दो दर्जन से ज्यादा नेताओं की भाजपा ने पहचान कर ली है,जिनकी घऱ वापसी हो सकती है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का भी कहना है कि भाजपा को छोड़कर गए नेता भले ही पार्टी छोड़कर गए हो, लेकिन अब तक पार्टी के खिलाफ कोई भी बयान नहीं दिया है. ऐसे में पार्टी अपने संगठन को मजबूत करने के लिए ऐसे नेताओं पर डोरे डाल रही है. देखना है कि इन नेताओं की फिर से कब 'घर वापसी' होती है.  


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