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हुजूर! कब मिलेगा मुआवजा? सुशासन का 'स्याह' सच.... पहले अपनों को खोया अब चार लाख रू के लिए दर-दर भटक रहे परिजन

  हुजूर! कब मिलेगा मुआवजा? सुशासन का 'स्याह' सच.... पहले अपनों को खोया अब चार लाख रू के लिए दर-दर भटक रहे परिजन

PATNA: बिहार में कोरोना महामारी में हजारों लोगों की जान चली गई।पहले अपनों को खोया अब मुआवजे के लिए परिजन भटक रहे हैं। सरकार की व्यवस्था पहले मरीजों के इलाज में फेल हुई इसके बाद अब मुआवजा देने में भी विफल साबित हो रही है। अपनों को खोने वाले लोग सरकार की तरफ से मिलने वाले चार लाख रू अनुदान के लिए भटक रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। कौन सुनेगा....सुनने वाला तो चैन की बंशी बजा रहा। सरकारी सिस्टम से क्या आम क्या खास सबलोग परेशान हैं। कहां आवेदन दें,किस अधिकारी से मदद लें कहीं कोई बताने वाला नहीं है। सत्ताधारी दल के विधायक भी ऐसी सिस्टम से परेशान हैं। क्यों कि पीड़ित लोग अपने विधायक के पास जा रहे। विधायकों को भी समझ में नहीं आ रहा या अधिकारी भी नहीं बता पा रहे कि जिन्हें सहायता राशि नहीं मिली है उन्हें कैसे मिल पायेगी।

4 लाख का अनुदान भी नहीं हो रहा नसीब

सीएम नीतीश कुमार मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के तहत ये फैसला लिया था कि कोरोना वायरस के संक्रमण से जिन लोगों की मौत हुई उनके परिजनों को 4 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा. जिन लोगों की मौत कोविड-19 से हो रही है उनके परिजन अनुदान के लिए तरस रहे हैं. स्पष्ट जानकारी नहीं होने से अधिकारी परिजनों को परेशान कर रहे हैं। सरकार के तरफ से निचले स्तर तक या फिर अपने विधायकों को भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी लिहाजा पूरा कंफ्यूजन बना हुआ है। अब तक कई विधायकों ने इस संबंध में सरकार से शिकायत भी की है।

6-8 महीनों से भटका रहे अफसर 

आपदा प्रबंधन विभाग के पूर्व मंत्री और वर्तमान में बीजेपी के विधायक नीतीश मिश्रा भी खासे परेशान हैं। वे कहते हैं कि इस संबंध में स्पष्ट गाईडलाइन होनी चाहिए। क्यों कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके परिजन चार मुआवजा राशि लेने के लिए भटक रहे हैं। कोई भी अधिकारी उन्हें मदद नहीं कर रहा । हमने भी वैसे लोगों की मदद की कोशिश की। डीएम से लेकर आपदा प्रबंध विभाग के अधिकारियों से बात की लेकिन वे हमें संतुष्ट नहीं कर सके। ऐसे में पूरा कंफ्यूजन है। बीजेपी विधायक ने कहा कि हमने आपदा प्रबंधन मंत्री सह डिप्टी सीएम रेणू देवी को पत्र लिखा। मेरे विधानसभा क्षेत्र में कोरोना से शंभु कुमार कर्ण नामक एक व्यक्ति की 24 नवंबर 2020 को ही मौत हो गई थी। अस्पताल का प्रमाण पत्र होने के बाद भी उसे मुआवजा में चार लाख रू मिलने में परेशानी हो रही थी। अधिकारी लगातार दौड़ा रहे थे। अब तक उन्हें मुआवजा राशि नहीं दी गई . इस संबंध में हमने अधिकारियों से बात की लेकिन कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे थे। तब हमने डिप्टी सीएम को पत्र लिखकर इस मामले को देखने का आग्रह किया। पीड़ित परिवार को मुआवजा की राशि शीघ्र उपलब्ध हो,इस दिशा में सरकार को काम करने की जरूरत है। साथ ही सरकार को एक स्पष्ट गाईडलाइन जारी करने की जरूरत है। 

पीड़ित परिवार पर रहम करें सीएम साहब-आरटीआई एक्टिविस्ट

बिहार के आरटीआई एक्टिविस्ट शिवप्रकाश राय ने भी कोरोना में मृतक के परिजनों को मिलने वाली सरकारी सहायता मिलने में महीनों लगने और अधिकारियों की गलत मंशा के मद्देनजर सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि कोरोना से अब तक 4600 से अधिक मौत हुई है।  उनके परिजनों को ₹400000 मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है पर सहायता राशि का भुगतान बहुत ही कम लोगों का किया गया है. आरटीआई एक्टिविस्ट ने उदाहरण देते हुए बताया कि बक्सर जिले में अब तक115 लोगों की मृत्यु की खबर है जबकि सहायता मात्र 19 मृतक के परिजनों को प्राप्त हुआ है. आरटीआई एक्टिविस्ट शिव प्रकाश राय ने उदाहरण देते बताया कि गया के शिवकुमार शर्मा की मृत्यु 2020 में कोरोना से हुई. उनकी विधवा पत्नी 9 माह से सहायता राशि मिलने का इंतजार कर रही है. दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि इसके भुगतान हेतु सभी संबंधित अधिकारियों द्वारा गलत मंशा से भुगतान की प्रक्रिया को जटिल बनाया जा रहा है. यह मानवीय संवेदना के भी मरने का उदाहरण है. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार परिजनों पर रहम करें और सहायता राशि दिलाने में मदद करें.

राज्य स्वास्थ्य समिति की तरफ से बताया गया है कि जिन जिलों में कोविड-19 की वजह से लोगों की मौत हो रही है, उनका आंकड़ा सिविल सर्जन की ओर से राज्य स्वास्थ्य समिति को भेजा जाता है. राज्य स्वास्थ्य समिति सिविल सर्जन और विभिन्न मेडिकल कॉलेज से मिले रिपोर्ट के आधार पर मौत का आंकड़ा जारी करता है. इसी आधार पर सीएम सचिवालय में कोविड-19 से हुई मौत का विवरण भेजा जाता है. जहां से आधिकारिक पुष्टि होने के बाद जिला प्रशासन पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपये अनुदान मिलता है।



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