PATNA: बिहार की सियासत इन दिनों गरमाई हुई है। एक तरफ जहां बिहार विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जनविश्वास यात्रा पर हैं। सदन से लेकर सड़क तक सियासत चरम पर है। तेजस्वी यादव जनता के बीच जाकर उनसे अपने 17 महीने में किए गए कामों की चर्चा कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जदयू के द्वारा पोस्टर लगाकर सभी कामों का श्रेय केवल सीएम नीतीश को दिया जा रहा हैं। जदयू का कहना है कि नौकरी, रोजगार मतलब नीतीश कुमार, तो दूसरी ओर राजद नौकरी, रोजगार का मतलब तेजस्वी यादव को बता रहे हैं। महागठबंधन से अलग होने के बाद चाचा-भतीजा आमने-सामने आ गए हैं। और 17 महीने के गठबंधन में चली उपलब्धियों का श्रेय लेने के होड़ में लगे हुए हैं।
इसी बीच एक गंभीर मामला सामने आ रहा है। जहां कथित तौर पर राजद कार्यकर्ताओं पर जदयू के लगे पोस्टर को फाड़ने का आरोप लगा है। दरअसल, तेजस्वी की जनविश्वास यात्रा आज मधेपुरा पहुंचेगी। जदयू के महासचिव नीखिल मंडल ने जेडीयू के बैनर और पोस्टर फाड़ने के मामले में बिना नाम लिए राजद पर अपनी जमकर भड़ास निकाली हैं। इसको लेकर निखिल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने घटना की निंदा करते हुए इस घटना को नफरत और द्वेषता पूर्ण राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे हथकंडों से हम रुकने वाले नहीं है।
निखिल मंडल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है कि "पोस्टर सभी दल के लोग लगाते है, पर हमारा संस्कार नहीं कि दूसरे दल के पोस्टर को नुक़सान पहुँचाए। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने की आज़ादी है। तेजस्वी यादव मधेपुरा आ रहे है, तो क्या ये निर्देश दिया गया है कि निखिल मंडल द्वारा लगाए हुए पोस्टर दिखना नहीं चाहिए।"
उन्होंने कहा कि, "ऐसे कृत्य करने के बाद बोलेंगे कि लोकतंत्र ख़तरे में है, संविधान ख़तरे में है। रात के 12 बजे चुपके से ऐसी हरकत, ये तो घबराहट का प्रतीक है। भाई, पोस्टर फाड़ लोगे पर इस सच्चाई को कहा मिटा पाओगे कि मधेपुरा विधानसभा की महान जनता के दिल में एनडीए बसता है। जय एनडीए - तय एनडीए। वहीं निखिल मंडल ने इसके साथ ही एक वीडियो भी साझा किया है। जिसमें साफ तौर पर दिख रहा है कि, बाइक सवार एक युवक आ रहा है और निखिल मंडल के द्वारा लगाए गए पोस्टर को फाड़ रहा है। मालूम हो कि, निखिल मंडल ने यह पोस्टर सीएम नीतीश की तस्वीर के साथ उनके उपलब्धि को गिनाते हुए लगाए थे। जिसमें सीएम की तस्वीर के साथ लिखा था, नौकरी-रोजगार का मतलब नीतीश सरकार।