बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

दहेज के लिए ससुराल वालों ने घर से निकाला, तलाक के लिए बना रहा है दबाव

दहेज के लिए ससुराल वालों ने घर से निकाला, तलाक के लिए बना रहा है दबाव

पटना. बांका जिला के बाराहाट थाना धर्मडीहा गांव निवासी किसान अनंत लाल पंडित की इंटर पास पुत्री कंचन रोती-बिलखती पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाने बिक्रम थाना पहुंची। उन्होंने बताया कि दहेज के रुपये को लेकर ससुराल वाले घर से निकाल दिया है। साथ ही तलाक के लिए भी दबाव बना रहे हैं। इसके बाद मामले को लेकर पुलिस थाने और महिला आयोग से शिकायत की गयी है। मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है।

कंचन ने बताया कि 2 अप्रैल 2018 को पटना मंदिर में बिक्रम थाना निवासी मसूदन पंडित का पुत्र सोनू के साथ दोनों परिवार की उपस्थिति में शादी हुई थी। पति सोनू बीएमपी में सिपाही पद पर कार्यरत है। शादी के कुछ दिनों बाद ससुराल में सास, ससुर और पति दहेज के रुपये मांगने लगे। पीड़िता ने बताया कि गरीब माता-पिता रुपये देने में असमर्थ है। रुपये के लिए ससुराल में लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। इसके बाद बिक्रम थाना और महिला आयोग में गुहार लगाई। तब कुछ दिन फिर ससुराल में रही और फिर बीमार होने पर इलाज के नाम पर ससुराल वालों ने मैके पहुंचा दिया और मैके में ही रह रही है।

पीड़िता कंचन ने बताया कि हार-थक कर बांका न्यायालय में फरियाद की है। न्यायालय में ससुर मसुदन पंडित ने ठीक से रखने की बात कही और न्यायालय के आदेश से उनके साथ ससुराल आई । यहां आने के साथ सादा कागज पर जबरन तलाक के लिए हस्ताक्षर करने के लिए उनके द्वारा दबाव बनाया गया। थाना आई और पुलिस पदाधिकारी ने दनाड़ा गांव लेजाकर पहुंचाया। पुलिस पदाधिकारी के लौटने के साथ सास-ससुर ने धक्का देकर घर से निकाल दिया। ससुर ने जान मारने की धमकी भी दी है। पीड़िता पुलिस से एवं हेल्पलाइन में न्याय व सुरक्षा की गुहार लगाती रही।

वहीं न्यायालय में मामला होने के कारण पुलिस ने ससुराल पक्ष पर किसी तरह की कार्रवाई में असमर्थता जाहिर की। सुरक्षा को लेकर पुलिस गंभीर दिखी और पुलिस से मिले सहयोग की कंचन ने भी सराहना की। बहरहाल निराश, हताश और सुरक्षा को लेकर सशंकित कंचन वापस बांका लौट गई। इस संबंध में बिक्रम थाना के एइसआई दिलीप कुमार ने बताया कि मामला न्यायालय में है और न्यायालय के फैसला को ही सबको मानना होगा। हालांकि पीड़िता के आवेदन के आधार पर सहयोग किया गया है और इन्हें बांका न्यायालय में सारी घटना से अवगत कराने का सुझाव दिया गया है।

Suggested News