MUZAFFARPUR : बिहार के मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र से बीते 6 दिसंबर को माइक्रोफाइनेंस कंपनी से हुई 38 लाख की लूट के मामले में पुलिस लूट का असली साजिशकर्ता तक पहुंचने में कामयाब हो गई है। इस दौरान लूट गई राशि में से 30 लाख रुपए के रिकवरी की बात भी पुलिस ने कही है। पुलिस ने बताया कि इस लूट की घटना में फाइनेंस कंपनी के एक कर्मी की भूमिका सामने आई है।
जांच के लिए बनी विशेष टीम ने कांड का परत दर पर राज खोलकर रख दिया है। बताया गया कि आरोपी के मोतिहारी स्थित ससुराल से रुपए बरामद किए गए हैं। अब तक मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। लूट में इस्तेमाल होने वाली बाइक भी बरामद कर ली गई है। एक अपराधी के नेपाल भाग जाने के कारण आठ लाख रुपए बरामद नहीं हो पाई है।
पुलिस टीम देर रात से ही लगातार मोतिहारी और बेतिया इलाके में छापेमारी कर रही है। बीते 6 दिसंबर की रात 2 अपराधियों ने हथियार के बल पर भारत माइक्रोफाइनेंस कंपनी के शहबाजपुर स्थित शाखा में लूटपाट की थी। इस बड़े लूट कांड की साजिश रचने वाला कोई और नहीं बल्कि फाइनेंस कंपनी का एक कर्मी ही था। वह वैशाली जिले के गोरौल इलाके का निवासी बताया जा रहा है।
खुला छोड़ दिया था मेन गेट और लॉकर
जानकारी के अनुसार फाइनेंस कंपनी के कार्यालय के मेन गेट से लेकर ऑफिस के लॉकर तक को कर्मियों ने खुला छोड़ दिया था। बाइक से पहुंचे दो अपराधी आसानी से माइक्रोफाइनेंस कंपनी के कार्यालय में घुसकर लूटपाट की थी। कार्यालय में मौजूद 6 कर्मियों को गन पॉइंट पर लेकर घटना को अंजाम दिया गया था।
मोबाइल लोकेशन ने की पुलिस की मदद
लूट पाट के दौरान तीन फाइनेंस कर्मियों का मोबाइल भी अपराधियों ने छीन लिया था। जिसका अंतिम लोकेशन पूर्वी चंपारण में मिला था। इसी आधार पर पुलिस टीम लगातार पूर्वी चंपारण इलाके में छापेमारी कर रही थी। कर्मियों के मोबाइल कॉल को खंगाला गया तो अपराधियों का सुराग मिल गया। इस तरह रुपए बरामद की करने में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है।