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समस्तीपुर सामूहिक खुदकुशी मामले में जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने नीतीश सरकार को घेरा, मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की उठाई मांग

समस्तीपुर सामूहिक खुदकुशी मामले में जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने नीतीश सरकार को घेरा, मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की उठाई मांग

पटना. समस्तीपुर सामूहिक खुदकुशी मामले को लेकर जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने नीतीश सरकार पर करार हमला बोला। उन्होंने ने कहा कि देश और राज्य के हालात ठीक नहीं चल रहे हैं। एक तरफ छोटे-छोटे देश भारत को आंख दिखा रहे हैं तो दूसरी ओर राज्य में कर्ज में डूबे बेरोजगार लोग पूरे परिवार सहित आत्महत्या कर रहे हैं। 

पटना में मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में पप्पू यादव ने समस्तीपुर में आत्महत्या करने वाले एक परिवार का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि मनोज झा का परिवार, जिसमें एक सात-आठ साल का बच्चा था, इतना प्रताड़ित हुआ कि उसकी कीमत उसे जान देकर चुकानी पड़ी। इस राज्य में प्रताड़ना के और भी कई उदारहण हैं। मोनू झा ने तीन लाख रुपए के लिए कैसे प्रताड़ित किया। तीन लाख रुपए का सूद 18 लाख पहुंचा दिया। उन्होंने मांग की कि मनोज झा के परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाय। साथ ही एसआईटी जांच करके सजा का प्रावधान किया जाय।

पप्पू यादव ने कहा कि एक देश था भारत, जिसकी दुनिया सम्मान करती थी, जिसकी संस्कृति को पूरा विश्व सलाम करता था। आज वही देश है, जिसके आंतरिक मामलों में पूरी दुनिया हस्तक्षेप कर रही है। ये हाल बना दिया है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का। ये संभवत: ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं, जो अपने ही देश में नफरत फैला रहे हैं और पूरी दुनिया में हमें शर्मिंदा कर रहे हैं। कश्मीर मामले पर प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि राहुल गांधी से इस्तीफा लिया जाय या नेहरू से। 

ऐसी कोई भी पार्टी, दल या व्यक्ति जो देश में नफरत पैदा कर रहा हो, उसे जेल भेज देना चाहिए। देश में भाषा को गाली देना, जाति, धर्म, क्षेत्र और भगवान के नाम पर नफरत पैदा करना, इनकी नियति बन गयी है। दूसरी ओर गरीब लोग प्रताड़ित होकर जान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में जातिगत जनगणना होने जा रही है। इस जनगणना में दूसरा कॉलम शिक्षा और स्वास्थ्य रखना चाहिए। तीसरा कॉलम आर्थिक और राजनीतिक लाभ नहीं मिल पाने वालों के लिए रखना चाहिए। जाति के साथ-साथ इन सब तथ्यों की भी जानकारी जुटायी जाय। साथ ही किसे पहले लाभ मिलना चाहिए, इसका भी सर्वे हो। ताकि मनोज झा जैसे परिवार को आत्महत्या न करना पड़े। जातिगत जनणगना हो, लेकिन बिहार के हालात को ध्यान में रखते हुए। एक राज्य एक ही जनगणना हो।

वहीं जन अधिकार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राघवेन्द्र सिंह कुशवाहा ने विभिन्न प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि राजू कुमार दानवीर (अध्यक्ष, जन अधिकार युवा परिषद), राजीव कुमार कन्हैया (अध्यक्ष, जन अधिकार किसान प्रकोष्ठ), डॉ. अवधेश कुमार लालू (प्रधानमहासचिव, जाप), रौशन कुमार (अध्यक्ष, जन अधिकार छात्र परिषद), आकाश कुमार (कार्यकारी अध्यक्ष, जन अधिकार छात्र परिषद), आमिर रजा (प्रधान महासचिव, जन अधिकार छात्र परिषद), विभा देवी (अध्यक्ष जन अधिकार महिला परिषद), रंजना झा (कार्यकारी अध्यक्ष, जन अधिकार महिला परिषद), तोराब नियाजी (अध्यक्ष, युवा शक्ति), विमल महतो (अध्यक्ष, जन अधिकार मजदुर परिषद ) सुजीत कुमार उर्फ़ चुन्नू जी (अध्यक्ष, जन अधिकार सहकारिता परिषद), राकेश कुमार (अध्यक्ष, स्वर्ण प्रकोष्ठ), मनोज पासवान (अध्यक्ष, जन अधिकार SC/ST प्रकोष्ठ), प्रो. गुलरेज रौशन रहमान (अध्यक्ष, जन अधिकार अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ), शान परवेज (कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष, जन अधिकार अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ), अमरजीत ठाकुर (अध्यक्ष, जन अधिकार अति पिछड़ा प्रकोष्ठ), भानु कुमार यादव (अध्यक्ष, जन अधिकार सेवा दल), प्रदीप पासवान (अध्यक्ष, जन अधिकार झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ), नीतीश सिंह (अध्यक्ष, जनअधिकार क्रीड़ा प्रकोष्ठ), मनीष कुमार (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, जन अधिकार छात्र परिषद), अभिजित सिंह (प्रदेश महासचिव सह प्रवक्ता), रानू नीलम शंकर (प्रदेश महासचिव सह प्रवक्ता), वीरेंदर पासवान (प्रदेश महासचिव), आजाद चांद (प्रदेश सचिव), पूनम झा (प्रदेश सचिव), जय प्रकाश यादव ( प्रदेश सचिव) बनाए गए हैं।

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