DARBHANGA : दरभंगा जिले में विभिन्न स्थानों पर जननायक स्व. कर्पूरी ठाकुर की 97 वीं जयंती धूम धाम से मनाई गई. इस मौके पर दरभंगा के कर्पूरी चौक पर उनके मूर्ति पर विभिन्न संगठनों के द्वारा माल्यार्पण कर उनको याद करते हुए उनके कृतित्व व व्यक्तित्व के बारे में प्रकाश डाला गया. कर्पूरी ठाकुर के प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद राजद नेता नजरे आलम ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि कहा कि जननायक स्व. कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया जाए.
लोकप्रियता के कारण उन्हें कहा जाता है जननायक
इस मौके पर लोजपा नेता प्रदीप ठाकुर ने कहा कि गुदड़ी के लाल जननायक स्व. कर्पूरी ठाकुर स्वतंत्रता सेनानी के रूप में अपना कर्तव्य निभाते हुए, शिक्षक, राजनीतिज्ञ तथा बिहार के मुख्यमंत्री रहे. वे शोषितों, पीड़ितों व वंचितों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए जीवन पर्यंत संघर्ष करते रहे. समाज में समरसता कायम करने के लिए उनका योगदान अविस्मरणीय रहा है. उनकी लोकप्रियता के कारण उन्हें जननायक कहा जाता है.
26 महीने काटे थे जेल
गौरतलब है कि कर्पूरी ठाकुर का जन्म समस्तीपुर के पितौंझिया गांव के एक नाई परिवार में हुआ था. जिसे वर्तमान में कर्पूरीग्राम के नाम से जाना जाता है. भारत छोड़ो आन्दोलन के समय उन्होंने 26 महीने जेल में बिताए थे. वही जननायक ने हमेशा गरीबो मजलुमो के लिए लड़ाई लड़ा. सबसे पहले 1977 में पिछडो को सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया. उन्होंने शिक्षा को आम लोगों तक पहुंचा कर समाज में बदलाव लाने का काम किया. साथ ही दबे कुचले समाज को सत्ता में हिस्सेदारी देने का काम किया.
दरभंगा से वरुण ठाकुर की रिपोर्ट...