बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

जदयू का बीजेपी अध्यक्ष पर हमला, कहा ज्ञानवर्धन कीजिये, बोलने से पहले आपको आत्मवलोकन की जरूरत है

जदयू का बीजेपी अध्यक्ष पर हमला, कहा ज्ञानवर्धन कीजिये, बोलने से पहले आपको आत्मवलोकन की जरूरत है

PATNA : बिहार के नालंदा जिले में जहरीली शराब से मौत के बाद सियासी पारा गर्म हो गया है। बिहार प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी एक कानून की समीक्षा की जरुरत बताई है। इस मामले को लेकर जदयू की ओर से उन्हें पत्र लिखा गया है।     पत्र के माध्यम से जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने लिखा है की इस देश में जघन्य अपराधों के लिए कड़े कानून हैं लेकिन उसके बावजूद वैसे अपराध होते हैं। बिहार में सुशासन है और सुशासन में जो भी गलत करेगा,अफसर हो या कोई और, दंडित होगा। सुशासन की सरकार की नीति है ना किसी को फसाना और ना किसी को बचाना। लिखा है की थोड़ा ज्ञान वर्धन कर लीजिए अध्यक्ष जी।  गोपालगंज में जहरीली शराब कांड एक उदाहरण है। जहां जहरीली शराब बेचने वाले लोगों को फांसी तक की सजा हुई है। पुलिस विभाग के 250 से ज्यादा और एक्साइज डिपार्टमेंट के 10 से ज्यादा लोगों को शराबबंदी कानून में गड़बड़ी करने की वजह से बर्खास्त तक किया गया है और बड़ी संख्या में अधिकारियों पर विभागीय कारवाई चल रही है। शराबबंदी के पहले चरण में देशी शराब को बंद किया गया। विधान परिषद में आपके सम्मानित नेता सुशील कुमार मोदी ने विदेशी शराब को बंद करने की मांग की। लिहाजा दूसरे चरण में विदेशी शराब को बंद करके पूर्ण शराबबंदी को लागू किया गया। यदि स्मरण ना हो तो विधान परिषद की प्रोसिडिंग मंगाकर पढ़ लीजिए। पत्र में लिखा है की अपने पूर्व के बयानों को भी जरा ध्यान से पढ़िए। जहां आप गठबंधन की जड़ में मट्ठा देने की बात कर रहे थे और आज एक बार फिर से अपने ही गठबंधन की सरकार के विरोध में बोल रहे हैं। हर आदमी को कुछ बोलने से पहले आत्म अवलोकन करना चाहिए।

अभिषेक झा ने लिखा की सामाजिक कर्तव्य राजनीति से जुड़ा मसला होता है। शराबबंदी के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया में आप भी साझीदार रहे हैं। शराबबंदी के लिए जब सदन के अंदर शपथ लिया गया, सभी दल साथ थे। हाल के दिनों में एनडीए विधायक दल की बैठक में सभी सदस्यों ने दोनों हाथ उठाकर शराब बंदी के पक्ष में अपना समर्थन दिया। आप अपने दल के प्रदेश अध्यक्ष हैं लेकिन अद्भुत विरोधाभास है कि आप अपने अनुभव से विधायकों को लाभान्वित नहीं करवाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी मैदान के प्रकाश उत्सव में साफ तौर पर कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा लिया गया शराबबंदी का फैसला साहसिक व सराहनीय है। सभी दलों और संगठनों को इसमें सहयोग करना चाहिए। प्रधानमंत्री की भावना का सम्मान करते हुए आपने भी शराबबंदी कानून को बनाने की प्रक्रिया में अपना सहयोग दिया। लेकिन जहां तक मेरी स्मरण शक्ति है आपको शराबबंदी की आलोचना करने का अधिकार नहीं दिया गया है फिर भी न जाने कौन से ऐसे अज्ञात कारण है जिसके चलते आपके द्वारा आलोचना के ही सुर निकलते हैं।

अभिषेक झा ने लिखा है की अपने संगठन के प्रदेश अध्यक्ष के रुप में आप दावा करते हैं कि आपका संगठन बूथ आधारित है। हम आपसे अनुरोध करेंगे कि प्रधानमंत्री की भावना और आपके विधानमंडल दल के सदस्यों की भावना का सम्मान करते हुए आप संगठन की प्रारंभिक इकाई को शराबबंदी को सफल बनाने का सामाजिक उत्तरदायित्व दें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हर गांव तक बिजली पहुंचाई है और बिजली के हर खंभे पर शराबबंदी कानून को तोड़ने वाले लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने हेतु टॉल फ्री नंबर जारी किया गया है। अपने प्रारंभिक इकाई के सदस्यों को भी इस टॉल फ्री नंबर का उपयोग करने का निर्देश दें। आपको हमसे राजनीतिक पीड़ा हो सकती है। लेकिन आपसे हाथ जोड़कर अनुरोध है कि जिस तरह आप लोग राजनीतिक कार्यशाला का आयोजन करते हैं। उसी तरह शराबबंदी को सफल बनाने हेतु भी कार्यशाला का आयोजन करिए। प्रधानमंत्री और अपने दल के विधायकों की भावना का सम्मान करते हुए आप यदि अपनी प्रारंभिक इकाई को भी शराबबंदी के इस अभियान में शामिल होने का निर्देश दीजिएगा तो और अच्छा होगा। प्रधानमंत्री ने सभी संगठन और दलों से शराबबंदी को सफल बनाने के लिए कहा था। जिसमें आप लोग भी शामिल थे। आपको उनकी भावना की कद्र करनी चाहिए, लेकिन आपको आलोचना करने का अधिकार किसने दिया?

Suggested News