पटनाः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी एक बार फिर से पलटी मार दी. मांझी पहले एनडीए फिर महागठबंधन और अब एब बार फिर एनडीए में शामिल हो रहे हैं। मांझी ने फरवरी 2018 में एनडीए को छोड़ने का ऐलान किया था।तब उनकी लालू यादव से बड़ी डील हुई थी।एनडीए छोड़ने का मांझी को इनाम भी मिला और बेटा विधान परिषद चला गया।
पलटी मारी तो मिला विधान परिषद की सीट
एनडीए छोड़ने के बाद 2018 में जीतन राम मांझी महागठबंधन में शामिल हो गए।तब जीतन मांझी आवास पहुंच कर राबड़ी और तेजस्वी से मुलाकात की थी।इसके बाद एनडीए छोड़ने का ऐलान किया था।इसके बाद लालू प्रसाद ने इसका इनाम भी दिया और उनके बेटे संतोष सुमन मांझी को विधान परिषद भेज दिया।कुछ समय तक तो मांझी ठीक रहे.हर जगह लालू प्रसाद का गुणगान करते रहे लेकिन लोकसभा चुनाव के समय से उन्होंने तेजस्वी को आंखें दिखाना शुरू कर दी। चुनाव के बाद तो जीतन राम मांझी खुलेआम तेजस्वी ते खिलाफ बयानबाजी करने लगे।तभी यह क्लियर हो गया था कि अब ये अधिक समय तक महागठबंधन में नहीं रह सकते।
मांझी ने फिर से मारी पलटी
अब 2020 में विधान सभा चुनाव से पहले जीतन राम मांझी ने फिर से पलटी मारी है। जिस नीतीश कुमार पर मांझी ने न जाने कितने गंभीर आरोप लगाये हों और सीएम नीतीश ने भी न जाने कितनी बार धोखा देने और उन्हें सीएम बनाने की सबसे बड़ी भूल बताया हो फिर से दोनों नेता साथ-साथ हो रहे हैं. मांझी ने एक बार फिर से नीतीश कुमार से हाथ मिला लिया है और एनडीए में शामिल हो रहे हैं।मांझी की काफी दिनों से जेडीयू के साथ बातचीत चल रही थी।डील फाइनल होने के बाद मांझी सीएम हाउस पहुंचे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की है।हालांकि जो जानकारी है उसके अनुसार जेडीयू मांझी को अधिक सीटें देने को तैयार नहीं है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार महागठबंधन को छोड़ने और जेडीयू से हाथ मिलाने का क्या इनाम मिलता है...।