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नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सीएम नीतीश पर कसा तंज, कहा जेपी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हाथ क्यों नहीं कांपते

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सीएम नीतीश पर कसा तंज, कहा जेपी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हाथ क्यों नहीं कांपते

PATNA : बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) के शिष्य कहे जाने पर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भ्रष्टाचार, परिवारवाद, कांग्रेस के विरोध में जेपी का संपूर्ण क्रांति था। लेकिन आज उनके शिष्य इन्हीं के समर्थक बन गए है। उन्होंने कहा कि आज जेपी के निधन के 43 वर्ष गुजर जाने के बाद उनकी पुण्यतिथि की याद आई है। उन्होंने कहा कि जब देश के गृह मंत्री अमित शाह जेपी की जन्मस्थली सिताबदियारा आ रहे हैं, तब नीतीश कुमार ने जेपी की पुण्यतिथि समारोह को राजकीय समारोह घोषित किया। 


सिन्हा ने कहा कि जेपी की संपूर्ण क्रांति भ्रष्टाचार, परिवारवाद, कांग्रेस के विरोध में थी। जेपी की कल्पना कांग्रेस मुक्त सरकार की थी, लेकिन आज नीतीश कुमार और लालू प्रसाद उसी कांग्रेस की गोद में बैठकर सरकार चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि जेपी की आत्मा आज भी अपने शिष्यों की करनी को देखकर लज्जित हो रही होगी। जेपी की आत्मा भी कह रही होगी कि जो लोग मेरे नाम पर राजनीति की दुकान चला रहे हैं। हमारे सिद्धांत को छोड़ दिया। 

उन्होंने कहा कि परिवारवाद, भ्रष्टाचार पर सवार महत्वकांक्षा की पूर्ति के लिए नीतीश कुमार तमाम विकारों से ग्रसित हो गए हैं। आज जेपी को श्रद्धांजलि अर्पित करते उनके हाथ क्यों नहीं कांपते? भाजपा नेता सिन्हा ने कहा कि महत्वाकांक्षा में नीतीश जेपी के नाम पर लोगों को भरमाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जेपी के लिए सिद्धांत महत्वपूर्ण था न कि सत्ता। 

सिन्हा ने कहा कि नीतीश कुमार अब गांधी, लोकनायक, लोहिया के सिद्धांत को छोड़कर सोनिया कांग्रेस और लालू प्रसाद की राह पर चल चुके हैं, जिसकी पहचान भी बिहार के लोगों को है। जेपी के सिद्धांतों को अपमानित करने वालों से बिहार के लोग बदला लेंगे, जिन्होंने अवसरवादिता की राजनीति में अस्थिरता करने वाले लोगों का प्रतिकार करेगी। उन्होंने कहा कि बड़े भाई और छोटे भाई बिहार में 33 वर्षों से सत्तारूढ़ हैं, आखिर उन्होंने जेपी के सिद्धांतों को अंगीकार कर राज्य की जनता को उपहार क्या दिए। भ्रष्टाचार, परिवारवाद, जातिवाद,उग्रवाद, आतंकवाद यही तो इनका उपहार है।

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