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बिहटा के NSMCH में व्याख्यान का हुआ आयोजन, स्वदेशी चिकित्सा प्रणाली को आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ जोड़ने पर हुई चर्चा

बिहटा के NSMCH में व्याख्यान का हुआ आयोजन, स्वदेशी चिकित्सा प्रणाली को आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ जोड़ने पर हुई चर्चा

PATNA : बिहटा के अमहरा स्थित नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एन्ड अस्पताल के साथ आईआईटी पटना के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के छात्र मिलकर स्वास्थ्य सेवा चलाकर समाज को और बेहतर से सेवा देंगे। उक्त बातें शनिवार को आईआईटी पटना के निदेशक प्रोफेसर टीएन सिंह ने मेडिकल कॉलेज के प्रथम वर्ष के छात्रों को संबोधित करते हुए कही। 


उन्होंने कहा कि बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एक बहु-विषयक क्षेत्र है जो जीव विज्ञान और इंजीनियरिंग का मिश्रण है। आईआईटी खड़गपुर में इंजीनियरिंग के साथ साथ एमबीबीएस की पढ़ाई की जाती है। उन्होंने कहा कि केवल नैदानिक कौशल पर महारत एक अच्छा डॉक्टर नहीं बनाएगी। एक अच्छा डॉक्टर बनने के लिए सबसे पहले एक अच्छा इंसान होना चाहिए।  

वही ईएसआईसी अस्पताल के डीन प्रोफेसर बिनय के. विश्वास ने आधुनिक चिकित्सा और भारत में वैकल्पिक प्रणालियों उनके विकास, स्थिति और संभावनाओं पर एक व्याख्यान दिया। उंन्होने कहा कि आयुर्वेद, योग जैसी स्वदेशी चिकित्सा प्रणालियों को आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ एकीकृत किया जाना समय की मांग है। इसके अनुसंधान और नवाचार पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए। इस राष्ट्र में कभी भी जनशक्ति या मस्तिष्क शक्ति की कमी नहीं रही थी। हमें केवल आत्मविश्वासी होना है।

उंन्होने कहा कि कोविड महामारी के दौरान भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं में हुई प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा, ‘हमने न केवल कोविड टीके को विकसित किया, बल्कि बहुत कम समय में उनका निर्माण और निर्यात भी किया। इस अवसर पर संसथान के डीन (अकादमिक और अनुसंधान) डॉक्टर शांतनु त्रिपाठी , कम्युनिटी मेडिसिन के हेड प्रो डॉ अनिमेष गुप्ता, एनाटोमी के प्रो डॉ विपिन कुमार, माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ मुकेश कुमार आदि शामिल थे।

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