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'रामचंद्र' पर बिजली गिरी...'वशिष्ठ-उमेश' पर पुष्प वर्षा ! JDU के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष भी रहते हैं सरकारी आलीशान बंगले में, सरकार करेगी बेदखल ?

'रामचंद्र' पर बिजली गिरी...'वशिष्ठ-उमेश' पर पुष्प वर्षा ! JDU के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष भी रहते हैं सरकारी आलीशान बंगले में, सरकार करेगी बेदखल ?

PATNA: आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्री बनना महंगा पड़ रहा। मोदी कैबिनेट में शामिल होने के बाद पहले जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी गंवानी पड़ी। इसके बाद राज्यसभा जाने का टिकट नहीं मिला। फिर पटना स्थित आलीशान सरकारी बंगला से बेदखल होना पड़ा। मंत्री वाले जिस बंगले में जेडीयू के 'रामचंद्र' लंबे समय से रहते थे, उससे जबरन हटा दिया गया है। रविवार की रात से ही स्टैंड रोड स्थित 7 नंबर बंगले से आरसीपी सिंह का सामान हटाया जा रहा। कभी सीएम नीतीश कुमार के सबसे करीबी रहे रामचंद्र प्रसाद सिंह की ऐसी दुर्दशा होगी, किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा। वैसे, सरकारी आलीशान बंगले में सिर्फ आरसीपी सिंह ही नहीं रह रहे थे, बल्कि दल को दो बड़े नेता आज भी ठाठ से रह रहे। ऐसे में सवाल उठ रहा कि एक पर बिजली गिरा रहे और अन्य दो नेताओं पर फूलों की वर्षा ? 

 आरसीपी सिंह का बंगला कराया गया खाली 

आरसीपी सिंह स्टैंड रोड स्थित सात नंबर बंगले में रह रहे थे। यह बंगला जेडीयू के एमएलसी संजय गांधी के नाम पर अलॉट था। वर्षों से जेडीयू विधान पार्षद वाले बंगले पर आरसीपी सिंह का कब्जा था। वो शान से बंगले में रहकर बिहार की राजनीति व पर्दे के पीछे से सरकार चलाते थे। आखिर वो मंत्री वाले बंगले में रहते भी क्यों नहीं....सीएम नीतीश के सबसे करीबी जो ठहरे। समय का चक्र उल्टा चलने लगा तो सब कुछ आशा के विपरीत हो गया। अदना सा बंगला भी सरकार ने छीन ली। सरकार ने स्टैंड रोड स्थित सात नंबर बंगले को जेडीयू एमएलसी संजय गांधी के नाम से हटाकर मुख्य सचिव के नाम पर अलॉट कर दिया। इस तरह से जेडीयू के रामचंद्र को आलीशान बंगले से बाहर का रास्ता दिखाया गया। 

आरसीपी के साथ ही ऐसा क्यों.....

बड़ा सवाल यही है कि आखिर आरसीपी सिंह के साथ ही ऐसा क्यों? जेडीयू के दो बड़े नेता भी यही काम कर रहे। दोनों नेता सरकारी बंगले में रह रहे। बंगला जेडीयू के दूसरे विधान पार्षद के नाम पर अलॉट है। उसी बंगले में दोनों नेता ठाठ से रह रहे। जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष को भले ही बंगले से बाहर कर दिया गया हो लेकिन आज भी जेडीयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भी सरकारी बंगले में रहते हैं। 

क्या वशिष्ठ-उमेश भी होंगे बंगले से बेदखल ? 

जेडीयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह  पटना के हार्डिंग रोड स्थित सरकारी बंगले में रहते हैं। वो बंगला भी जेडीयू के एक विधान पार्षद के नाम पर अलॉट है।वशिष्ठ बाबू लंबे समय से उसी बंगले में रह रहे हैं। वशिष्ठ नारायण सिंह सीएम नीतीश कुमार के विश्वस्त माने जाते हैं। दादा को पटना में रहने के लिए बंगला दिया गया है। अब वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष की बात कर लें. जेडीयू अध्यक्ष उमेश कुशवाहा वर्तमान में न विधायक हैं और न विधान पार्षद। फिर भी सरकारी बंगले में रहते हैं। जानकारी के अनुसार वो बंगला जेडीयू विधान पार्षद ललन सर्राफ के नाम पर अलॉट है। उमेश कुशवाहा स्टैंड रोड स्थित 7-M नंबर के बंगले में रहते हैं। आरसीपी सिंह को बंगले से बेदखल करने के बाद सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर एक नेता पर ही एक्शन क्यों.....जेडीयू के अन्य दो नेता भी तो बंगले का सुख भोग रहे। फिर उन पर इतनी मेहरबानी क्यों ? वे भी तो नियम विरूद्ध ही रह रहे। उन्हें सरकारी बंगले में रहने की छूट क्यों.....क्या वे सत्ताधारी दल जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष हैं, इस वजह से उन्हें यह सुविधा दी गई ? फिर सत्ताधारी दल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष को क्यों नहीं सरकारी बंगला ? इस तरह के कई गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। आरसीपी सिंह गुटे के नेता भी कह रहे कि हमारे नेता को प्रताड़ित किया जा रहा है। अगर आरसीपी सिंह को हटाया गया दो अन्य दो नेताओं को क्यों नहीं हटाया जा रहा? इसका जवाब तो सरकार को देना ही होगा।वहीं इस सवाल पर जेडीयू नेता चुप्पी साध ले रहे।

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