PATNA: उपेन्द्र कुशवाहा ने एक बार फिर से बिखरे महागठबंधन को एक प्लेटफार्म पर लाने की कोशिश की है। लोहिया की पुण्यतिथि के बहाने बिखरे विपक्ष को एक मंच पर लाने की कोशिश में काफी हद तक वे सफल भी हुए हैं। खुद महागठबंधन के नेता यह स्वीकार करने से नहीं बाज आए कि कुशवाहा जी की वजह से ही आज हम सब कुछ मनमुटाव के बाद भी एक मंच पर जुटे हैं।इसके लिए कांग्रेस समेत सभी सहयोगी दलों ने उपेन्द्र कुशवाहा के इस पहल का स्वागत किया है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद जब विपक्ष हताश और निराश था तो उपेन्द्र कुशवाहा ने सबको एक मंच पर बिठाया है।यह हम सब के लिए यह बहुत जरूरी था जिसे उपेन्द्र कुशवाहा ने आगे बढ़कर पूरा किया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदनमोहन झा ने कहा कि कुशवाहा को इस काम के लिए बधाई। इस कार्यक्रम से हम नेताओं के बीच जो संवादहीनता हो गई थी वो खत्म हो गई है।उपेन्द्र कुशवाहा ने महागठबंधन नेताओं को मोरली बुस्टअप किया है।
वीआईपी के मुकेश सहनी ने भी कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा का यह पहल काफी सराहनीय है।उनके इस कदम से सारे नेताओं को एक नई ऊर्जा मिली है।पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने कहा कि निश्चित तौर पर आरएलएसपी अध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव से पहले भी सहयोगी दलों के बीच एक पुल का काम किया था। आज भी वो सभी दलों को एक प्लेटफार्म पर लाए हैं।
वहीं वामपंथी नेताओं ने कहा कि बिहार के सभी विपक्ष को एक प्लेटफार्म पर लाकर उपेन्द्र कुशवाहा ने एकजुटता का मैसेज दिया है।लेकिन यह एकजुटता आगे भी बनी रहे। सबसे ज्यादा जरूरी इस बात की है कि आगे भी हम सब इसी तरह गिले-शिकवे भुलाकर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में कूदें ताकि नीतीश सरकार को उखाड़ पेंकने में कामयाब हो सकें।