गया- पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेकुलर(हमसे) के संस्थापक जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक बार फिर जमकर निशाना साधा है. उन्होनें नीतीश सरकार के नीतीयों की आलोचना करते हुए कहा कि बिहार में नीतीश कुमार की सरकार में बालू, शराब और ताड़ी नीति में काफी गड़बड़ी है. मांझी ने शराबबंदी का समर्थन करते हुए कहा कि शराब बंदी नीति अच्छी है, लेकिन उसके अनुपालन में जो गड़बड़ियां हो रही है उसमें सत्तर फीसदी दलित और गरीब कानून के शिकंजे लिे जा रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने मंगलवार को अपने गया स्थित गोदाबरी आवास में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में यह बातें कही.
उन्होंने कहा कि वे नीतीश सरकार के समर्थन में थे तब भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बालू, शराब और ताड़ी नीति में गड़बड़ी के विरोध में बात किया करते थे. मांझी ने कहा कि शराब नीति में गड़बड़ी के कारण ज्यादातर गरीब पीसे जा रहे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश से मांग कि की शराब बंदी के उलंघन में दलितों और गरीबों पर अत्याचार से संबंधित सभी केस को बिना शर्त सरकार वापस लें.
मांझी ने कहा कि बालू नीति में नेशनल ग्रीन ट्रीमनल का पालन नहीं हो रहा. नदी को काफी गहराई कर बालू का उठाव किया जा रहा है. एनजीटी मानक के विरुद्ध बिहार में काम हो रहा है. नियमों के विरुद्ध बालू उठाव होने से नदियों की गहराई बढ़ रही है. अब नदियों में ज्यादा पानी आने के बाद ही खेतो में पानी जा पायेगा.
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि बालू उठाव का मापदंड मजदूरों से किया जाना है. लेकिन जेसीबी और पॉकलेन से बालू का उठाव हो रहा है. गया में मांझी ने कहा कि डोभी थाना क्षेत्र के धर्मपुर गांव के रहने वाले शंकर के लड़के समीर की मौत हो गई.
ताड़ी नीति के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि ताड़ी शराब नहीं है , प्राकृतिक जूस है इससे जुड़े लाखों लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है, इस पर रोक लगाना उचित नहीं है. ताड़ी पर रोक लगाना अपराध की संज्ञा में आ सकता है. मुख्यमंत्री से अंतिम मुलाकात के दौरान भी उन्होंने ताड़ी से रोक हटाने की मांग की थी ,लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो पाया ,उन्होंने कहा कि जनहित में ताड़ी पर रोक हटना चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गया की पुलिस के व्यवहार पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि राज्य में प्रतिदिन हत्या हो रही है. बिहार में अपराधी बेलगाम हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि आमलोगों की बात तो छोड़िए, यहां पुलिस-पत्रकार भी सुरक्षित नहीं हैं.