बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

मेडिकल की पढ़ाई बन गयी मजाक, 0 नम्बर वालों को भी मिला मेडिकल में एडमिशन

मेडिकल की पढ़ाई बन गयी मजाक, 0 नम्बर वालों को भी मिला मेडिकल में एडमिशन

N4N DESK : पैसों के खेल के चलते देश में तकनीकी शिक्षा का बंटाधार हो रहा है। अब जब जीरो नम्बर लाने वाले छात्र भी डॉक्टरी की पढ़ाई करेंगे तो वे इलाज क्या खाक करेंगे। 2017 में नीट की परीक्षा में 110 छात्रों को केमेस्ट्री और फिजिक्स में जीरो नम्बर मिले । 400 छात्रों को फिजिक्स और केमिस्ट्री में 10 से भी कम नम्बर मिले। बाद में उनका निजी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन हो गया। हाल ही में एक अध्ययन के सामने आने के बाद इस तथ्य का खुलासा हुआ है।

MEDICAL-EDUCATION-BECAME-A-JOKE2.jpg

पहले नीट में हर विषय में कम से कम 50 नम्बर लाना अनिवार्य था। आरक्षित वर्गों के लिए हर विषय में 40 फीसदी अंक लाना जरूरी था। 2012 में पर्सेंटाइल व्यवस्था लागू कर दी गयी। हर विषय में 50 फीसदी नम्बर लाने की अनिवार्यता खत्म कर दी गयी। इस फैसले से मेडिकल की पढ़ाई मजाक बन कर रह गयी।

जब जीरो नम्बर वालों को भी एमबीबीएस में एडमिशन मिल जाए तो फिर टेस्ट लेने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। जीरो नम्बर वालों को जिन मेडिकल कॉलेजों में दाखिला मिला उनकी सालाना फीस औसतन 17 लाख रुपये हैं। इसमें हॉस्टल और मेस का खर्च शामिल नहीं है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पैसे के बल पर वे लोग भी डॉक्टर बन रहे हैं जिनकी शैक्षणिक योग्यता नहीं के बराबर है।  

Suggested News