पटनाः बिहार के मंत्री को बदनाम विभाग मिला है। बदनामी ऐसी की खुद मंत्री इ दो महीनों में कई बार स्वीकार कर चुके हैं कि यहां बिना पैसा के काम नहीं होता। हम बाते कर रहे हैं राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की। भाजपा नेता रामसूरत राय इस विभाग के मंत्री बने हैं. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही वे लगतार एक्शन में हैं। वे इस विभाग पर लगे बदनामी के ठप्पे को खत्म करने की कोशिश में जुटे हैं.
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम सूरत राय ने एक बड़ी पहल की है।मंत्री जी अब हर साल अपने वेतन का एक हिस्सा उसी बदनाम विभाग के कर्मचारी से लेकर अधिकारियों के बीच बांटेंगे। मतलब मंत्री ईनाम के तौर पर वेतन राशि बांटेंगे। जो अधिकारी बेहतर काम करेंगे उनको मंत्री इनाम देंगे। मंत्री रामसूरत राय ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। रामसूरत राय ने 2020 के दिसंबर महीने में ही 3 कर्मचारी, 3 डीसीएलआर और 3 सीओ को अपने वेतन से इनाम भी दिया है। राजस्व मंत्री रामसूरपत राय का कहना है कि हमारी कोशिश है भूमि एवं राजस्व विभाग की छवि को बदली जाए। जो अधिकारी समय पर काम करेंगे,बेहतर करेंगे उन्हें हम सरकारी पैसे से नहीं बल्कि अपने वेतन की राशि देकर सम्मानित करेंगे।
बदनाम विभाग की छवि सुधारेंगे मंत्री जी
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कामकाज की हर महीने रैंकिंग की व्यवस्था की गई है। कर्मचारी से लेकर एडिशनल कलक्टर तक के कामकाज का मूल्यांकन होता है। इसमें बेहतर और खराब काम करने वाले तीन-तीन कर्मियों का चयन होता है। इनाम की रकम इन्हीं के बीच बंटेगी। मंत्री ने पहले कहा था कि बेहतर काम करने वाले कर्मियों को ईनाम के तौर पर 11 हजार रुपये दिए जाएंगे। लेकिन, उन्होंने साल भर में अपने वेतन से सिर्फ एक लाख 11 हजार रुपया देने की घोषणा की है।