डेस्क... मोकामा के आरजेडी विधायक अनंत सिंह के खिलाफ एके-47 बरामदगी मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। इसमें बाढ़ के तत्कालीन प्रखंड पदाधिकारी बीडीओ अमरेंद्र कुमार सिन्हा ने अपना बयान दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि 16 अगस्त, 2019 को जब अनंत सिंह के आवास पर छापेमारी हुई थी तो वह मौजूद थे। उनके सामने ही अनंत सिंह के घर से एके-47 राइफल और हैंड ग्रेनेड बरामद हुआ था।
बाढ़ के तत्कालीन बीडीओ अमरेंद्र कुमार सिन्हा ने पटना की एमपी-एमएलए कोर्ट में एडीजे प्रजेश कुमार की कोर्ट में अपना बयान रिकॉर्ड कराया। उन्होंने बताया कि अनंत सिंह के घर से बरामद सामानों की जो लिस्ट बनी थी उस पर उन्होंने खुद साइन किया था। वहीं इस मामले में बाढ़ की तत्कालीन एसपी और जांचकर्ता रहीं लिपि सिंह ने भी एमपी-एमएलए कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया है। अब इसमें 19 जनवरी को अगली सुनवाई होगी।
बिहार के बाहुबली राजनेता अनंत सिंह जेल में कैद होने के बावजूद विधानसभा चुनाव जीत गए। आरजेडी की टिकट पर मोकामा से चुनाव लड़ रहे अनंत सिंह ने जेडीयू उम्मीदवार राजीव लोचन को 35 हजार से ज्यादा मतों से हराया। लगातार पांचवी बार विधायक बने अनंत सिंह के ऊपर 38 केस दर्ज हैं। 2019 में उनके घर से एके-47 और बम भी मिला था। जिसके बाद उन्हें काफी दिनों तक फरारी काटने के बाद आत्मसमर्पण करना पड़ा था। मोकामा में अनंत सिंह का इतना रसूख है कि उन्हें यहां के लोग छोटे सरकार के नाम से जानते हैं।
मोकामा में क्यों चुनाव जीत जाते हैं अनंत सिंह?
अनंत सिंह भूमिहार समाज से आते हैं। मोकामा विधानसभा क्षेत्र भूमिहार बाहुल्य है। इसके अलावा इस इलाके में गरीबी अपने चरम पर है। ऐसे में अनंत सिंह की रॉबिनहुड वाली छवि यहां काम कर जाती है। उदाहरण के लिए इलाके में अगर दहेज के लिए किसी लड़की की शादी नहीं हो रही है और उसका पिता अगर अनंत सिंह ड्योढ़ी पर चला जाता है तो उसे खाली हाथ नहीं लौटना होगा। या तो अनंत सिंह लड़के वाले को डरा धमकाकर शादी के लिए तैयार कर देते हैं या फिर कुछ खर्चा पानी देकर मामले को सुलझा देते हैं।
इसी तरह किसी ने अगर अनंत सिंह को शादी का कार्ड भेज दिया तो वे उसके घर उपहार जरूर भेजते हैं। गांव में अगर अनंत सिंह आए हैं और किसी ने मुखिया की शिकायत कर दी तो छोटे सरकार उसी वक्त सरेआम फटकार लगा देते हैं। यही सब वजह है कि इलाके के लोग अनंत सिंह को सपोर्ट करते आ रहे हैं।