NEW DELHI: टोक्यो ओलंपिक में भारत के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद सभी की उम्मीदें और निगाहें पैरालंपिक गेम्स पर टिकी हुई थीं। हमारे पैरालंपियंस ने भी देश को निराश नहीं किया और ओलंपिक के मुकाबले दुगने से भी ज्यादा पदक जीतकर वापस लौटे। इस साल के ओलंपिक में भारत ने जहां एक स्वर्ण पदक सहित कुल सात मेडल जीते। वहीं पैरालंपिक में हमने 5 स्वर्ण पदकों सहित कुल 19 पदक जीतकर स्वर्णिम इतिहास रच दिया है।
भारतीय दल के वापस लौटने और उनके क्वारंटीन पीरियड के पूरा होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें दिल्ली स्थित अपने आवास पर नाश्ते के लिए आमंत्रित किया। जहां उन्होंने सभी खिलाड़ियों से एक-एक कर मुलाकात की। इससे पहले बुधवार को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारत के पदक विजेताओं को सम्मानित किया था। उन्होनें उम्मीद जताई थी कि साल 2024 में होने वाले पेरिस ओलंपिक में हमारे पैरा एथलेटिक्स रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ एक नया रिकॉर्ड कायम करेंगे।
यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री खिलाड़ियों से रूबरू हो रहे हों। इसके पहले प्रधानमंत्री ने भारतीय ओलंपिक दल से भी मुलाकात की थी और सभी की हौसला आफजाई कर उन्हें उनका मुंह मीठा कराया था। कुछ वैसा ही मौका गुरुवार को भी था जब हमारे पैरा एथलीट प्रधानमंत्री मोदी से मिले और अपना अनुभव साझा किया। विदित हो कि भारत ने इस साल के पैरालंपिक में पांच स्वर्ण पदक, आठ रजत पदक और 6 कांस्य पदक के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। 19 पदकों के साथ पदक तालिका में भारत 24वें स्थान पर रहा जो अब तक का रिकॉर्ड है।