PATNA: बिहार में विधानसभा चुनाव के साथ-साथ विधान परिषद चुनाव का भी बिगुल बज गया है. बिहार विप की 4 शिक्षक और 4 स्नातक सीटों के लिए नामांकन का काम जारी है. 5 अक्टूबर तक नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे जबकि, 6 अक्टूबर को नामांकन पत्र की जांच की जाएगी. 8 अक्टूबर तक नामांकन पत्र वापस लिए जाएंगे. परिषद की 8 सीटों पर 22 अक्तूबर को वोटिंग होगी. वोटिंग की गिनती विधान सभा चुनाव के नतीजों के आने के दो दिन बाद यानि 12 नवंबर को होगी.
नवल किशोर यादव ने शिक्षकों से आशीर्वाद लेकर किया नामंकन
विप की पटना स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र पर सबकी नजर रहती है। पटना शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से प्रो. नवल किशोर यादव लगातार चार बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं । पटना शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर नवल किशोर यादव एक बार फिर से आज नामांकन पत्र दाखिल किया। वे निर्वाचन पदाधिकारी सह पटना आयुक्त के समक्ष नामांकन पत्र दाखिल किया है।बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर नवल किशोर यादव ने नामांकन किया।इस दौरान सचिवालय के पास सैकड़ों की संख्या में शिक्षक और नेता मौजूद रहे।सबने बीजेपी प्रत्याशी को एक बार फिर से जीत का आशीर्वाद दिया.
शिक्षकों की हक में अपनी सरकार के खिलाफ भी हो जाते हैं खड़े
नवल किशोर यादव पहले निर्दलीय फिर राजद और अब बीजेपी कोटे से जीतने रहे हैं. वे 24 वर्षों से लगातार चुनाव जीत रहे हैं. इस बार प्रो. नवल किशोर यादव 5 वीं बार अपना भाग्य आजमा रहे हैं.इनके विरोध में पहलवान कौन होगा इसका अब तक पता ही नहीं चला है। नवल किशोर यादव सदन हो या सदन के बाहर लगातार शिक्षकों की आवाज उठाते रहते हैं। चाहे वे सत्ता पक्ष में हों या फिर विपक्ष में हर समय सदन में वे सरकार को घेरने से बाज नहीं आते। बीजेपी के विधान पार्षद नवल किशोर यादव एक बार तो अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े हो गये थे।जब शिक्षा विभाग शिक्षकों की प्रतिष्ठा का मान-मर्दन करने पर तुली थी तो बीजेपी एमएलसी नवल किशोर यादव सदन में अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े हो गए। विधान परिषद में नवल किशोर यादव ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया और सरकार की बोलती बंद कर दी। इके समर्थन में बाकी विधान पार्षद भी आ गए और अंततः सरकार को झुकना पड़ा और तुगलकी फरमान वापस लेना पड़ा।
अपनी सरकार के खिलाफ ही कर दिया था बगावत
दरअसल करीब दो साल पहले सरकार गांवों में खुले में शौच से मुक्ति दिलाने को लेकर अभियान चला रही थी। इस अभियान में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने का फऱमान जारी किया गया था। शिक्षकों को सुबह-सुबह गांव के बाहर खुले में शौच करने वालों का फोटो खीचने की जिम्मेदारी दी गई गई थी।आदेश दिया गया था कि आप सब खुले में शौच करने वालों का फोटो खीचें और भेजें। शिक्षकों ने इस आदेश को तुगलकी बताते हुए विरोध किया। बीजेपी के विधान पार्षद ने इस आदेश को पूरे तौर पर शिक्षकों की प्रतिष्ठा का हनन बताया और इज्जत से खिलवाड़ करने वाला फरमान बताते हुए सरकार के खिलाफ खड़े हो गये। विधान परिषद में बीजेपी एमएलसी नवल किशोर यादव ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावत कर दिया और कहा कि राज्य सरकार के अधिकारी शिक्षकों की इज्जत का मान-मर्दन कर रहे हैं।यह आदेश को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं नहीं किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि इस काम में शिक्षकों को क्यों अधिकारी को लगायें और वही खुले में शौच करने वाले लोगों का फोटो लेंगे।
हर बार अपना ही रिकार्ड तोड़ते हैं नवल किशोर यादव
जानकार बताते हैं कि वे हर बार अपना ही रिकॉर्ड तोड़ कर नया रिकॉर्ड बनाते हैं. 30 वर्ष की उम्र में पहली बार पटना शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी बने प्रो. नवल किशोर यादव ने लगातार चार बार यूं ही जीत नही दर्ज की.....। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि शिक्षक कोटे से वैसे तो कई विधान पार्षद चुनाव जीतते हैं लेकिन सदन में सबसे अधिक आवाज इनके द्वारा ही बुलंद किया जाता रहा है।नियोजित, वित्तरहित शिक्षकों, संस्कृत या मदरसा शिक्षकों के हक और वेतन की लड़ाई पुरजोर तरीके से सड़क से लेकर सदन तक लड़ी और सरकार को झुकने पर मजबूर किया. लिहाजा सरकार ने नियोजित शिक्षकों की कई मांग को माना ।
सामने कौन पहलवान होगा यह साफ नहीं
इस बार वे पांचवी बार चुनावी अखाड़े में उतरे हैं,सामने कौन प्रत्याशी होगा यह अब तक साफ नहीं है। प्रो. यादव के पहले लगातार पीएन शर्मा प्रतिनिधित्व करते थे.उसके बाद नवल किशोर यादव लगातार पटना शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.वे बताते हैं कि शिक्षकों के लिए उन्होंने हर संभव काम किये हैं।इसके लिए सड़क से लेकर सदन तक आवाज बुलंद किया है।उसी का प्रतिफल है कि पूरे बिहार के शिक्षक हमें काफी स्नेह देते हैं।