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बिहार में निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर हो रही राजनीति के सामने पड़ोसी राज्य झारखंड ने पेश किया बड़ा उदाहरण, आने वाले निकाय चुनाव को लेकर बड़ा फैसला

बिहार में निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर हो रही राजनीति के सामने पड़ोसी राज्य झारखंड ने पेश किया बड़ा उदाहरण, आने वाले निकाय चुनाव को लेकर बड़ा फैसला

RANCHI : बिहार में एक तरफ निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर महागठबंधन सरकार और भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप चल रहा है। वहीं इसकी विपरीत झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार ने बिहार की नीतीश सरकार के सामने बड़ा उदाहरण पेश कर दिया है। यहां झारखंड सरकार ने फैसला लिया है कि वह बिना ओबीसी आरक्षण के ही निकाय चुनाव कराएगी। झारखंड की हेमंत सरकार का यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि क्योंकि झारखंड सरकार में राजद भी सहयोगी है और वह बिहार में ओबीसी आरक्षण को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रही है। 

पंचाचत चुनाव भी बिना आरक्षण के कराया

झारखंड में पंचायत चुनाव भी बिना आरक्षण के संपन्न कराए गए थे। जो काफी बेहतर तरीके से संपन्न हुए। वहीं राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव की तर्ज पर नगर निकाय चुनाव भी ओबीसी आरक्षण के बगैर कराने का फैसला किया है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा राहुल रमेश बनाम महाराष्ट्र राज्य एवं अन्य के मामले में पारित आदेश को आधार बनाया गया है। आदेश में पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या को अन्य श्रेणी में मानते हुए ओबीसी की जनसंख्या के अनुसार सीटों को अनारक्षित किया जायेगा।

इसी साल होनी चुनाव की घोषणा

झारखंड के सभी 49 नगर निकायों में इसी वर्ष चुनाव की घोषणा संभव है. राज्य सरकार द्वारा बगैर ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने का फैसला करने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनाव की तैयारी तेज दी है. निकायों का परिसीमन पूर्व में ही किया जा चुका है. मतदाता सूची तैयार की जा रही है. ओबीसी आरक्षण पर किये गये फैसले से संबंधित गजट प्रकाशन के बाद आरक्षण रोस्टर पर भी काम चल रहा है

15 नवंबर के बाद कभी भी निकाय चुनाव की घोषणा होने का कयास लगाया जा रहा है. हालांकि, आधिकारिक रूप से राज्य सरकार या निर्वाचन आयोग द्वारा कुछ भी नहीं कहा जा रहा है. रांची नगर निगम समेत राज्य के 35 नगर निकायों का कार्यकाल पूरा होने के पूर्व ही चुनाव कराने का फैसला किया गया है. इन निकायों का कार्यकाल अप्रैल 2023 में समाप्त हो रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग पिछले ढाई वर्षों से लंबित धनबाद और देवघर नगर निगम समेत 14 निकायों के साथ ही उक्त निकायों में भी चुनाव की तैयारी कर रहा है


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