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नेपाल ने अब बांग्लादेश से लगाई मदद की गुहार, पीएम ओली ने फोन कर शेख हसीना से मांगा यूरिया

नेपाल ने अब बांग्लादेश से लगाई मदद की गुहार, पीएम ओली ने फोन कर शेख हसीना से मांगा यूरिया

Desk: नेपाल ने अब बांग्लादेश से मदद की गुहार लगाई है. नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने मंगलवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को फोन लगाया और यूरिया देने का अनुरोध किया. ओली ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से जल्द से जल्द 50,000 टन यूरिया फर्टिलाइजर उपलब्ध कराने के लिए कहा है. नेपाल में यूरिया की भारी किल्लत हो गई है जिससे किसान परेशान हैं. कोरोना वायरस के बाद हुए लॉकडाउन की वजह से भारत से भी यूरिया की आपूर्ति बाधित हो गई है.

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने मंगलवार को ट्वीट कर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री से बातचीत की जानकारी दी. ओली ने ट्वीट किया, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से नेपाल-बांग्लादेश के संबंधों के कई पहलुओं पर सकारात्मक बातचीत हुई. उन्होंने यूरिया की अर्जेन्ट सप्लाई के मेरे अनुरोध पर सकारात्मक रुख दिखाया. ओली ने बताया कि टेलिफोन पर हुई बातचीत में दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा और व्यापार मार्ग को लेकर सहयोग बढ़ाने की जरूरत को लेकर भी चर्चा हुई.

कोरोना महामारी से निपटने में मदद के लिए बांग्लादेश ने नेपाल को रेमडेसविर की 5000 शीशियां और अन्य जरूरी दवाएं व मेडिकल सामान की भी आपूर्ति की है. ओली ने बांग्लादेश सरकार की कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम को लेकर उठाए गए कदमों की सराहना की और मुश्किल घड़ी में नेपाल के लोगों को समर्थन देने के लिए आभार जताया. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने भी नेपाल में कोरोना वायरस महामारी के नियंत्रण को लेकर ओली सरकार की तारीफ की. नेपाल में रासायनिक उर्वरक की आपूर्ति भारत से होती है लेकिन भारत में अभी धान की रोपाई का वक्त है और यहां यूरिया की मांग बढ़ जाती है. ऐसे में भारत अपने ही किसानों के पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध नहीं करा पाता है.

भारत से नेपाल की यूरिया जरूरतें पूरी नहीं हो पाती हैं. लेकिन 2019 में धान की रोपाई के वक्त मोदी सरकार ने नेपाल के लिए तत्काल 30,000 टन यूरिया और 20,000 टन डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) तत्काल भेजने का आदेश दिया था. नेपाल पिछले साल भी यूरिया की कमी से जूझ रहा था. हालांकि, इस साल कोरोना वायरस के कारण हालात और मुश्किल रहे. सामानों की आवाजाही बाधित रही और इसका असर उर्वरकों की आपूर्ति पर भी पड़ा है. 





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