MADHUBANI : आज से भारत और नेपाल के बीच भी ट्रेन सेवा शुरू होने जा रही है। बिहार के मधुबनी जिला स्थित जयनगर से नेपाल के जनकपुरधाम होते हुए कुर्था तक ट्रेन सेवा की शुरुआत आज से शुरू हो जाएगी। अब तक बस से सफर का आनंद लेनेवाले लोग आठ साल बाद एक बार फिर से ट्रेन में सफर कर पाएंगे। इस ऐतिहासिक सफर की शुरुआत दिल्ली से भारत व नेपाल के प्रधानमंत्री संयुक्त रूप से इसका वर्चुअल रुप से उद्घाटन करेंगे। इसे लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा दिल्ली पहुंच चुके हैं।
भारत और नेपाल के बीच ट्रेन सेवा शुरू होने को लेकर दोनों देशों के नागरिकों में जबरदस्त उत्साह है। अब लोग 40 मिनट में ही जयनगर से जनकपुर पहुंच जाएंगे और तीन घंटे तक समय की बचत होगी। वहीं, व्यपारियो में व्यापार विस्तार होने को लेकर भी काफी हर्ष है। बॉर्डर के दोनों तरफ उत्सव का माहौल है।
सिर्फ इन दोनों देशों के लोग कर सकेंगे सफर
इस ट्रेन को लेकर एक खास नियम बनाया गया है। बताया गया इस ट्रेन में भारत व नेपाल को छोड़ किसी अन्य देश के नागरिक सफर नहीं कर सकेंगे। ट्रेन अभी जयनगर से कुर्था के बीच चलेगी। हालांकि, आने वाले दिनों में इसे वर्दीवास तक बढ़ाया जाना है।
जयनगर से शुरू होगा आज का सफर
मुख्य उद्घाटन समारोह जयनगर में होगा। इस ट्रेन सेवा से दोनों देशों के यात्रियों को लाभ होगा। ट्रेन पर नेपाल रेलवे का नियंत्रण होगा। जयनगर नेपाली स्टेशन स्थित भारतीय कस्टम पॉइंट का पटना कस्टम के कमिश्नर रणविजय कुमार सुबह 9 बजे उद्घाटन करेंगे। यात्रियों को कस्टम से गुजरकर टिकट काउंटर पर जाना होगा। कस्टम पॉइंट पर यात्रियों के सामान की स्क्रीनिंग की जाएगी।
जयनगर स्थित नेपाली स्टेशन और नेपाल के जनकपुर में उद्घाटन समारोह के लिए विशेष पंडाल की व्यवस्था की गई है। यहां पर प्रोजेक्टर व एलईडी की व्यवस्था है ताकि उदघाट्न समारोह को आम लोग लाइव देखेंगे। जयनगर के नेपाली स्टेशन के प्लेटफॉर्म दो पर 12/16 का पंडाल बनाया गया है। उदघाट्न समारोह का सीधा प्रसारण यही से होगा। लोगों की सुविधा को लेकर हर तरह का प्रबंध किया गया है।
पैसे और समय दोनों की बचत
8 साल बाद भारत और नेपाल के बीच ट्रेन सेवा शुरू होने से दोनों देशों के नागरिकों में जबरदस्त उत्साह है। अब लोग 40 मिनट में ही जयनगर से जनकपुर पहुंच जाएंगे और तीन घंटे तक समय की बचत होगी। जयनगर से जनकपुर जाने में अभी दो सौ रुपये से अधिक खर्च हो जाते हैं। वाहन बदलना पड़ता है। ट्रेन से महज 43.75 रुपये में लोग पहुंच जाएंगे।
वहीं, व्यपारियो में व्यापार विस्तार होने को लेकर भी काफी हर्ष है। बॉर्डर के दोनों तरफ उत्सव का माहौल है। बिहार के जयनगर ब्रॉडगेज रेलखंड से सीधे नेपाल के जुड़ जाने पर लोग हर्ष व्यक्त कर रहे हैं। पर्यटकों की संख्या में अब तेजी से इजाफा होगा।
बदलता रहा सफर
नैरो गेज लाइन पर 1952 से 1980 तक कोयला इंजन और उसके बाद डीजल इंजन वाली ट्रेन का परिचालन हुआ। 1852 में अंग्रेजो ने नेपाल से साल और अन्य चीजों की लकड़ी धोने के लिए दोनों देशों के बीच सिंगल नैरो गेज पटरी बिछाई। 1980 तक कोयला इंजन के सहारे ट्रेन चलती थी। इसके बाद 2014 तक इसी नैरो गेज पर डीजल इंजन से ट्रेन चलती थी और पहले ये ट्रेन तीन फेरी लगाती थी।