PATNA : मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार ने 15 वें वित्त आयोग को पत्र लिख एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का
दर्जा देने की मांग की है। उन्होंने पत्र में अपनी बात विस्तार से रखी है।
उन्होंने लिखा है, हमने लगातार केन्द्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा
दिये जाने की मांग की है। बिहार को यदि विशेष राज्य का दर्जा मिलता है तो केन्द्र प्रायोजित
योजनाओं में राज्य का अंश घटेगा जिससे राज्य को अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध होंगे । बाह्य संसाधनों तक पहुंच बढ़ेगी। निजी निवेश को कर छूट एवं रियायतों
के कारण प्रोत्साहन मिलेगा। रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे राज्य
के लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा।
बिहार
एक लैंडलॉक्ड राज्य है। ऐसे लैंडलॉक्ड और अत्यधिक
पिछड़े राज्य, अन्तर्राष्ट्रीय
स्तर पर विशेष व्यवहार के हकदार हैं। इस संदर्भ में 15वां वित्त आयोग, बिहार जैसे पिछड़े राज्य को राष्ट्रीय स्तर तक
लाने के लिए संसाधनों की कमी की पहचान कर विशेष सहायता का प्रावधान करे।
15 वें वित्त आयोग का गठन 15 नवम्बर 2017 को हुआ
था इसके बाद आयोग ने सभी राज्यों को पत्र लिख कर उनकी राय और सुझाव मांगे थे।
बिहार से प्रारंभिक सुझाव फरवरी 2018 में भेजे गये थे। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
ने इस संदर्भ में कुछ खास मुद्दों पर अपनी बात रखी है। बिहार को विशेष राज्य का
दर्जा दिलाना, नतीश कुमार का सबसे बड़ा राजनीतिक अभियान है। एक बार उन्होंने कहा
था कि जो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगा, मैं उसी को समर्थन दूंगा। इस लिए इस
अभियान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को समझा जा सकता है।