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नीतीश ने अति पिछड़ा वर्ग को दिया धोखा, BJP ने पूछा-आयोग गठन की जिम्मेदारी किसकी थी? 'कुशवाहा' ने HC के फैसले पर कहा- यह BJP की साजिश

नीतीश ने अति पिछड़ा वर्ग को दिया धोखा, BJP ने पूछा-आयोग गठन की जिम्मेदारी किसकी थी? 'कुशवाहा' ने HC के फैसले पर कहा- यह BJP की साजिश

पटना. नगर निकाय में अति पिछड़ा के आरक्षण पर पटना हाईकोर्ट के बाद बिहार में सियासत तेज हो गयी है। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने हाईकोर्ट के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेवार माना है। इस पर भाजपा ने भी जदयू पर पलटवार किया है। भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने सीएम नीतीश पर अति पिछड़ा समाज पर धोखा देने का आरोप लगाया है।

उपेंद्र कुशवाहा का ट्वीट

उपेंद्र कुशवाहा ने हाईकोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए ट्वीट किया, 'बिहार में चल रहे नगर निकायों के चुनाव में अतिपिछड़ा आरक्षण को रद्द करने एवं तत्काल चुनाव रोकने का उच्च न्यायालय का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसा निर्णय केन्द्र सरकार और भाजपा की गहरी साज़िश का परिणाम है। अगर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने समय पर जातीय जनगणना करावाकर आवश्यक संवैधानिक औपचारिकताएं पूरी कर ली होती तो आज ऐसी स्थिति नहीं आती।'

सीएम नीतीश अति पिछड़ा विरोधी- भाजपा

इस पर बीजेपी प्रवक्ता ने भी पलटवार किया। भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा मख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछड़ा अति पिछड़ा समाज के घोर विरोधी हैं। यह लोग सिर्फ ओबीसी को वोट बैंक समझते हैं। बिहार BJP के प्रवक्ता निखिल आनंद ने CM नीतीश को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि यह बात स्पष्ट हो गया है नगर निकाय चुनाव का इन लोगों ने मजाक उड़ा कर रख दिया है। साथ ही साथ पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज का मजाक उड़ाया है। इसके लिए बिहार की जनता ओबीसी इबीसी समाज माफ नहीं करेगी।

BJP ने पूछा कि आरक्षण के लिए आयोग के गठन की जिम्मेदारी किसकी थी? दुर्भाग्य है कि इन लोगों ने आयोग का गठन नहीं किया। यह जिम्मेदारी किसकी थी, आयोग का रिकमेंडेशन कराकर अगर आरक्षण की प्रक्रिया किया जाता तो यह नौबत नही आती। बिना तैयारी के ही इन लोगों ने यह काम किया।इन लोगों को पता था कि आप्रत्यक्ष तौर पर इनकी भद पीटने वाली है। इस कारण लोगों ने नगर निकाय चुनाव को बाधित किया। इन लोगों ने अति पिछड़ा समाज को अपमान किया है।अब थोथी दलील दे रहे हैं । चोरी भी और सीनाजोरी भी। मुख्यमंत्री जी आपने पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज को चीट किया है। इसका खामियाजा आप लोगों को भुगतना पड़ेगा। जब कोरम आपने पूरा नहीं किया था तो फिर प्रोसेस में क्यों गए।

तीन मेयर व पटना समेत तीन डिप्टी मेयर के चुनाव पर रोक

इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने नगर निकाय में अति पिछड़ा को आरक्षण देने से इनकार कर दिया है। ऐसे में अति पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों के चुनाव पर रोक लग गयी है। मेयर पद के लिए भागलपुर में अति पिछड़ा वर्ग (महिला), बिहारशरीफ में अति पिछड़ा वर्ग और मुजफ्फरपुर में अति पिछड़ा वर्ग के लिए सीट आरक्षित है। वहीं डिप्टी मेयर के लिए पटना में अति पिछड़ा वर्ग (महिला), भागलपुर में अति पिछड़ा वर्ग और मुजफ्फरपुर में अति पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद यहां के चुनाव पर रोक लग गयी है।

नगर निकाय चुनाव में EBC आरक्षण पर फैसला

पटना हाईकोर्ट ने बिहार के पिछड़ा वर्गों को आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर आज निर्णय सुनाया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रावधानों के अनुसार तब तक स्थानीय निकायों में ईबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती, जब तक सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित तीन जांच अर्हताएं नहीं पूरी कर लेती। 19 नगर निगमों में नौ जगहों पर महिला और उप महापौर महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है, जबकि अनुसूचित जाति के लिए गया नगर निगम और समस्तीपुर नगर निगम में महापौर और उप महापौर का पद आरक्षित किया गया है। अति पिछड़ा वर्ग के लिए महापौर के तीन पद आरक्षित किये गये हैं। इनमें बिहारशरीफ, भागलपुर और मुजफ्फरपुर की महापौर व उप महापौर पद के लिए पटना नगर निगम, भागलपुर और मुजफ्फरपुर नगर निगम के पद आरक्षित किये गये हैं।


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