PATNA : बिहार में सीएम नीतीश कुमार महागठबंधन की सरकार बनाने के बाद विधानसभा विश्वास मत हासिल कर लिया, उन्हें सदन में 160 विधायकों ने अपना समर्थन दिया। जबकि भाजपा के वाकआउट के कारण विपक्ष की तरफ से कोई वोटिंग नहीं हुई। इस दौरान सदन में अपने संबोधन मे नीतीश कुमार ने मौजूदा केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि 2024 में सभी लोग इनलोगों को सत्ता से दूर करेंगे। यह लोग काम नहीं सिर्फ प्रचार करने का काम करते हैं।
अटल-आडवाणी-जोशी को किया याद
अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के समय के भाजपावाली केंद्र सरकार को याद किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में मेरी कोई भी मांग को टाला नहीं जाता था। लेकिन अभी की भाजपा में बिहार की मांग को पूरा नहीं किया जाता है। हमने कहा कि पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी बना दीजिए, लेकिन वे नहीं माने।
बिहार में भाजपा के मंत्री बदलने पर भी नाराजगी
नीतीश कुमार में 2020 में चुनाव के बाद भाजपा के मंत्री पद, विस स्पीकर पद के लिए भाजपा की तरफ से चुने गए चेहरों को लेकर भी बहुत कुछ कहा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विस्तार से बताया इन्होंने हमारे सभी पुराने सहयोगियों (सुशील कुमार मोदी, नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार आदि) को किनारे कर दिया। मुझे बताया गया कि नंद किशोर यादव स्पीकर होंगे, लेकिन बाद में किसी और को उनकी जगह बैठा दिया। सुशील मोदी को हटा दिया। हमारे सबसे विश्वसनीय आदमी (आरसीपी सिंह) को मिला लिया। वह पार्टी में रहते हुए हमारे खिलाफ काम करने लगा।
नीतीश कुमार ने कहा कि बोले-ये लोग हमारा नाश करने में लगे थे। सब जानते हैं कि पिछले विधानसभा चुनाव में हमें हराने के लिए हमारे उम्मीदवारों के खिलाफ किसे (चिराग पासवान) खड़ा कर दिया? चुनाव के बाद हम मुख्यमंत्री बनने को तैयार नहीं थे। बहुत दबाव बनाया। मैं तैयार हो गया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि संपूर्ण विपक्ष एकजुट होकर केंद्र की जनविरोधी फासीवादी भाजपा सरकार का मुकाबला करे। हमने बिहार में जो शुरुआत की है, उसका संदेश पूरे देश में गया है। केंद्र में भाजपा शासन के चलते भारत महंगाई, बेरोजगारी और सांप्रदायिक उन्माद का सामना कर रहा है। दिल्ली से सिर्फ प्रचार हो रहा है। कोई काम नहीं हो रहा है। हर घर नल-जल दिल्ली से शुरू होने की बात कही गई थी, लेकिन हमने कहा कि नहीं ये बिहार से शुरू हुआ। पैसा लेकर इस योजना को दिल्ली की स्कीम बताने को कहा गया, लेकिन हमने मना किया।